बेटे को तलाक दिलाने के लिए दादी बनी अपहरणकर्ता : पोती को अगवा कर किया गायब, जानिए कैसे हुआ पूरे मामले का खुलासा

पोती को अगवा कर किया गायब, जानिए कैसे हुआ पूरे मामले का खुलासा
UPT | पुलिस ने बच्ची के अपहरण के आरोप में पिता, दादी और दादी की बहन को गिरफ्तार किया।

Oct 21, 2024 14:57

सहारनपुर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दो साल की मासूम बच्ची का अपहरण हुआ। पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच की और तीन लोगों को गिरफ्तार किया।

Oct 21, 2024 14:57

Saharanpur News : सहारनपुर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दो साल की मासूम बच्ची का अपहरण हुआ। पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच की और तीन लोगों को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि बच्ची का अपहरण उसके पिता ने ही कराया था। इसमें उसे उसकी मां और मौसी ने मदद की। पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए बच्ची को सुरक्षित उसकी मां के हवाले कर दिया।


दादी और मौसी ने बुर्का पहनकर दिया घटना को अंजाम
सहारनपुर जीआरपी (रेलवे पुलिस) ने दो दिन पहले हुई इस घटना को सुलझाने में सफलता हासिल की। यह मामला तब सामने आया जब पंजाब के मलेरकोटला के निवासी हारुण खान और उनकी पत्नी नेहा खातून ने बच्ची के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने बताया कि दो अज्ञात महिलाएं चलती ट्रेन से उनकी दो साल की बेटी का अपहरण कर ले गईं। यह घटना उस समय हुई, जब दंपति उत्तर प्रदेश के धामपुर से पंजाब लौट रहे थे। आरोप है कि बच्ची की दादी मीना बेगम और उनकी मौसी शबाना ने बुर्का पहनकर इस अपहरण को अंजाम दिया।

सीसीटीवी फुटेज ने खोली पोल
इस मामले की जांच में पुलिस ने सबसे पहले ट्रेन स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की। सीसीटीवी फुटेज में बुर्का पहने हुए दो महिलाएं बच्ची को अपने साथ ले जाती हुई नजर आईं। फुटेज में दिख रही इन महिलाओं ने चेहरे ढके हुए थे, लेकिन उनके हाव-भाव और बच्ची के साथ बातचीत के आधार पर पुलिस ने जांच की दिशा तय की। फुटेज देखने के बाद रेलवे पुलिस ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल अलग-अलग टीमों का गठन किया और बच्ची की तलाश शुरू की।

अपहरण के पीछे छिपी थी तलाक की साजिश
पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पुलिस को ऐसे सुराग मिले जिससे बच्ची के पिता हारुण खान की भूमिका संदिग्ध लगने लगी। जब पुलिस ने हारुण से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने आखिरकार इस साजिश का खुलासा कर दिया। हारुण ने स्वीकार किया कि उसने अपनी ही बेटी का अपहरण कराया था ताकि वह अपनी पत्नी से तलाक ले सके। हारुण की मां मीना बेगम और मौसी शबाना ने इस साजिश में उसकी मदद की थी।

क्यों कराया बेटी का अपहरण?
पुलिस की पूछताछ में हारुण खान ने बताया कि उसका अपनी पत्नी नेहा खातून के साथ रिश्तों में दरार आ गई थी। वह चाहता था कि नेहा उसे तलाक दे दे, लेकिन वह तैयार नहीं थी। इस वजह से हारुण ने एक ऐसा रास्ता निकाला जो उसे लगता था कि नेहा पर दबाव डालने में मदद करेगा। उसने अपनी ही दो साल की बेटी का अपहरण करने की योजना बनाई। हारुण को उम्मीद थी कि बच्ची के लापता होने के बाद नेहा घबरा जाएगी और तलाक के लिए तैयार हो जाएगी।

परिवार की मिलीभगत से हुआ अपहरण
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि बच्ची की दादी और मौसी ने इस साजिश में साथ दिया। दोनों ने बुर्का पहनकर ट्रेन में सवार होकर बच्ची को अपहरण कर लिया। पुलिस की जांच में सामने आया कि इस घटना की योजना पहले से बनाई गई थी और इसके लिए दादी और मौसी ने मिलकर काम किया। ट्रेन के चलते ही उन्होंने बच्ची को गोद में उठाया और उसे लेकर फरार हो गईं।

500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले
इस मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए जीआरपी पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी। पुलिस ने लगभग 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का निरीक्षण किया, ताकि बच्ची का सुराग मिल सके। कई बार फुटेज में दिखी महिलाओं का पीछा करते हुए उनकी पहचान की गई। इन फुटेज के आधार पर पुलिस ने संदिग्धों की लोकेशन का पता लगाया और आखिरकार बच्ची को सुरक्षित बरामद कर लिया।

बच्ची की मां को सौंपा गया, आरोपियों पर दर्ज हुई एफआईआर
बच्ची के अपहरण के आरोप में जीआरपी ने हारुण खान, उसकी मां मीना बेगम और मौसी शबाना के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बच्ची की सुरक्षित वापसी के बाद पुलिस ने उसे उसकी मां नेहा खातून को सौंप दिया। इस घटना के बाद नेहा ने अपनी बच्ची को सीने से लगाकर राहत की सांस ली। पुलिस ने बताया कि आगे की जांच में आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

समाज में रिश्तों की बदलती परिभाषा
इस घटना ने समाज में रिश्तों की बदलती परिभाषा और पारिवारिक रिश्तों की जटिलता को उजागर किया है। जहां एक पिता ने अपनी ही बेटी के अपहरण की योजना बनाई, वहीं दादी और मौसी ने भी इस काम में उसका साथ दिया। इस घटना ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर पारिवारिक रिश्ते किस हद तक बदल चुके हैं।

पुलिस की सतर्कता से बची बच्ची की जिंदगी
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने मासूम बच्ची की जिंदगी बचाई। जीआरपी पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही तेजी से जांच शुरू की और इस मुश्किल मामले को सुलझाने में सफलता पाई। रेलवे स्टेशन और ट्रेन के सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस ने पूरे घटनाक्रम का पर्दाफाश किया।

तलाक के लिए अपहरण: कानून के सामने चुनौती
यह मामला न केवल एक अपहरण का है, बल्कि इसमें तलाक के लिए अपनाई गई गैरकानूनी और अमानवीय साजिश भी उजागर होती है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

साजिश का पर्दाफाश
सहारनपुर में हुआ यह मामला एक परिवार की आपसी विवादों के चलते हुआ, जिसमें एक मासूम बच्ची को मोहरा बनाया गया। पुलिस की मुस्तैदी और तकनीकी विशेषज्ञता ने इस साजिश को बेनकाब कर दिया और बच्ची को सही सलामत उसकी मां के पास वापस पहुंचा दिया। यह घटना एक सबक के रूप में सामने आई है कि कानून की नजरों से कोई भी साजिश बच नहीं सकती और अपराधियों को उनके किए की सजा मिलकर रहेगी। 

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