पंजाब में किसान आंदोलन के कारण सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल है। रेल रोको आंदोलन से सैकड़ों ट्रेनें रद्द हुईं, यात्रियों की योजनाएं बाधित हुईं। एमएसपी की गारंटी और 12 मांगों पर किसानों का प्रदर्शन रेलवे और सड़कों को प्रभावित कर रहा है।
पंजाब में किसान आंदोलन के कारण कई ट्रेनें केंसिल : सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर बढ़ीं यात्रियों की समस्याएं, ठंड में हो रहे परेशान
Dec 30, 2024 14:05
Dec 30, 2024 14:05
किसानों के आंदोलन का व्यापक प्रभाव
पंजाब में किसान संगठनों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी और अन्य 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन किया है। किसानों ने रेल और सड़क यातायात बाधित करने का ऐलान पहले ही कर दिया था। इस आंदोलन के तहत रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन और सड़कों को जाम कर दिया गया है। आंदोलन के चलते रेलवे ने 107 ट्रेनों को रद्द कर दिया, जिसमें 18 प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनें भी शामिल हैं।
रद्द की गईं प्रमुख ट्रेनें
रद्द की गई ट्रेनों में बठिंडा एक्सप्रेस (14508), आम्रपाली एक्सप्रेस (15707-15708), मालवा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12919-12920), दादर एक्सप्रेस (11057-11058), शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस (12497-12498), पठानकोट एक्सप्रेस (22429-22430), और कालका शताब्दी (12011-12012) जैसी ट्रेनें शामिल हैं। इन ट्रेनों का रद्द होना सहारनपुर, दिल्ली, और अंबाला के यात्रियों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों की तलाश में भटकना पड़ रहा है।
यात्रियों की समस्याएं और शिकायतें
सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने अपनी परेशानी जाहिर की। रोहित शर्मा, जो सहारनपुर से दिल्ली जा रहे थे, ने कहा, "मेरी ट्रेन सुबह 8 बजे की थी, लेकिन स्टेशन पहुंचने पर पता चला कि ट्रेन रद्द हो चुकी है। अब टैक्सी से जाना पड़ रहा है, जो बहुत महंगा है।"
सीमा रावत, जो अपने परिवार के साथ पंजाब जा रही थीं, ने कहा, "हमने महीनों पहले टिकट बुक किए थे। अब बस से जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह यात्रा हमारे लिए मुश्किल बन गई है।"
रेलवे का प्रयास और चुनौतियां
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को राहत देने के लिए कई कदम उठाए हैं। यात्रियों को यात्रा से पहले रेलवे के ऐप या वेबसाइट पर ट्रेन की स्थिति जांचने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही वैकल्पिक मार्गों और ट्रेनों की जानकारी भी साझा की जा रही है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्थिति सामान्य होने पर ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू कर दी जाएंगी। हालांकि, आंदोलन समाप्त होने तक यातायात को पूरी तरह बहाल करना मुश्किल है।
आंदोलन का उद्देश्य और मांगें
किसानों ने अपनी प्रमुख मांगों के तहत एमएसपी की गारंटी, कृषि कानूनों को पूरी तरह समाप्त करने, और अन्य कृषि सुधारों की बात की है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन के समर्थन में यह आंदोलन तेज किया गया है। आंदोलन के तहत किसानों ने सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक रेल और सड़क यातायात ठप रखने का ऐलान किया। इसके चलते रेलवे को पहले ही कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा।
रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन की संभावना
आंदोलनकारियों ने पंजाब में कई जगहों पर रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया है। इस कारण अंबाला-दिल्ली रेल मार्ग पर ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। ऐसा माना जा रहा है कि आंदोलन लंबे समय तक जारी रह सकता है, जिससे यातायात पर और अधिक असर पड़ सकता है।
व्यापारियों और अन्य यात्रियों की समस्याएं
इस आंदोलन से व्यापारियों और पर्यटकों को भी नुकसान हुआ है। व्यापारिक कामों के लिए यात्रा करने वाले लोगों को अपनी योजनाएं रद्द करनी पड़ी हैं। टूरिस्ट भी अपनी बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं, जिससे स्थानीय पर्यटन उद्योग पर भी असर पड़ा है।
सरकार और किसानों के बीच संवाद की जरूरत
स्थिति को सामान्य करने के लिए सरकार और किसान संगठनों के बीच संवाद की आवश्यकता है। प्रशासन को जल्द से जल्द समाधान निकालना होगा ताकि यात्री सुविधाओं को बहाल किया जा सके।
पंजाब में किसानों के आंदोलन का असर पूरे रेलवे नेटवर्क पर महसूस किया जा रहा
पंजाब में किसानों के आंदोलन का असर पूरे रेलवे नेटवर्क पर महसूस किया जा रहा है। सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की परेशानियां इसका प्रमुख उदाहरण हैं। यात्रियों की यात्रा बाधित होने से उनकी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। सरकार और रेलवे प्रशासन को मिलकर समाधान की दिशा में काम करना होगा। आंदोलन के कारण प्रभावित यात्रियों को तत्काल राहत प्रदान करना आवश्यक है। किसानों की मांगों को समझते हुए समाधान निकालने की प्रक्रिया तेज करनी चाहिए ताकि आमजन और यात्री वर्ग को राहत मिल सके।
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