मुजफ्फरनगर में गायब हुए कारतूसों का खुलासा : 39 साल तक चलता रहा सिलसिला, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

39 साल तक चलता रहा सिलसिला, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
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Sep 06, 2024 18:51

मुजफ्फरनगर के शहर कोतवाली के मालखाने से बीते 39 वर्षों से कारतूसों के लगातार गायब होने का मामला सामने आने पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

Sep 06, 2024 18:51

Muzaffarnagar News : मुजफ्फरनगर के शहर कोतवाली के मालखाने से बीते 39 वर्षों से कारतूसों के लगातार गायब होने का मामला सामने आने पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पुलिस के पहरे के बावजूद मालखाने से सैकड़ों कारतूस गायब होते रहे और किसी अधिकारी को इस पर शक तक नहीं हुआ। वर्ष 1981 से 2020 के बीच, एक हजार से अधिक कारतूस मालखाने से लापता हो गए। यह मामला तब खुला जब 4 अगस्त 2024 को सरकारी संपत्ति के चार्ज का आदान-प्रदान हुआ। इसके बाद एसएसपी अभिषेक सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए। 

कैसे खुला कारतूसों के गायब होने का मामला
अगस्त 2024 में शहर कोतवाली के मालखाने और अन्य सरकारी संपत्तियों के चार्ज का आदान-प्रदान किया जा रहा था। इस दौरान मालखाने में मौजूद संपत्ति कम पाई गई, जिसे तुरंत एसएसपी अभिषेक सिंह के ध्यान में लाया गया। इस पर एसएसपी ने तत्काल एक कमेटी गठित की, जिसमें एसपी यातायात को अध्यक्ष और सीओ सिटी, आरआई लाइन, शहर कोतवाली प्रभारी, आर मोहर्रिर, और हेड मोहर्रिर को सदस्य बनाया गया। कमेटी ने संयुक्त रूप से जांच की और अपनी रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी, जिसमें इस मामले का पर्दाफाश हुआ।



कमेटी की जांच में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी
कमेटी की जांच में यह बात सामने आई कि वर्ष 1981 से 2020 के बीच शहर कोतवाली के मालखाने से 1,000 से अधिक कारतूस गायब हो गए। इस दौरान कई अधिकारी और हेड मोहर्रिर बदलते रहे, लेकिन किसी को इसकी भनक नहीं लगी। जांच में पता चला कि अधिकांश कारतूस हेड मोहर्रिर वेद प्रकाश के कार्यकाल के दौरान गायब हुए, जिनकी अब मृत्यु हो चुकी है। उनके कार्यकाल के दौरान गायब कारतूसों को बट्टे खाते में डालने की प्रक्रिया शुरू की गई है। वहीं, अन्य हेड मोहर्रिर के कार्यकाल में गायब हुए कारतूसों और संपत्ति की वसूली की सिफारिश की गई है।

आरोपी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज
शहर कोतवाली में कारतूस और अन्य संपत्ति के कम पाए जाने पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और विवेचना पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

गायब हुए कारतूसों का विवरण
हेड मोहर्रिर वेद प्रकाश के कार्यकाल के दौरान सबसे अधिक कारतूस गायब हुए। इनमें 534 कारतूस .303 एमएम के, 16 कारतूस 7.62 एमएम के, 10 कारतूस 9 एमएम के, 11 कारतूस एके-47 के, और 86 कारतूस 38 बोर के शामिल हैं। उनकी मृत्यु के कारण इन कारतूसों को बट्टे खाते में डालने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके अलावा, सेवानिवृत्त हेड मोहर्रिर सुरेश गिरी, सतपाल सिंह, बलजोर सिंह, और वर्तमान एसआई डिग्री प्रसाद तथा वीर सिंह के कार्यकाल में भी कई कारतूस गायब पाए गए हैं। इनमें 60 कारतूस .303 एमएम के, 13 कारतूस 7.62 एमएम के, 11 कारतूस 9 एमएम के, 15 कारतूस एके-47 के, 8 टियर गैस सेल, 18 खाली कारतूस, 17 प्लास्टिक प्लेटें, 20 वीएलपी कारतूस, 12 पीएमएफ कारतूस, और 61 कारतूस 38 बोर के शामिल हैं। इसके अलावा 99 चार्जर क्लिप और 5 हेलमेट भी गायब हैं।

जांच जारी, दोषियों पर होगी कार्रवाई
मुजफ्फरनगर के इस चौकाने वाले मामले ने पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एसएसपी अभिषेक सिंह ने जांच जारी रखने का निर्देश दिया है और दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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