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मुजफ्फरनगर न्यूज : छात्राओं को संक्रामक रोगों के बारे में दी जानकारी, लू से बचने के बताए उपाय

छात्राओं को संक्रामक रोगों के बारे में दी जानकारी, लू से बचने के बताए उपाय
UPT | संचारी रोगों के बारे में जानकारी लेती छात्राएं

Apr 30, 2024 17:57

जनता इंटर कॉलेज भोपा में मंगलवार को विभिन्न बीमारियों से बचाव के सम्बन्ध में कॉलेज की छात्राओं को जानकारी दी गई...

Apr 30, 2024 17:57

Muzaffarnagar News : जनता इंटर कॉलेज भोपा में मंगलवार को विभिन्न बीमारियों से बचाव के सम्बन्ध में कॉलेज की छात्राओं को जानकारी दी गई। इस दौरान छात्राओं को स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न संचारी, संक्रामक रोगों और लू से बचाव करने के बारे में विस्तार से बताया गया।

संचारी रोगों का सबसे आम वाहक घरेलू मक्खी
कॉलेज प्रांगण में विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश कुमार ने छात्राओं को बताया कि संचारी रोगों का सबसे आम वाहक घरेलू मक्खी है। मक्खियां अपने पैरों और मुंह पर रोगजनकों को इकट्ठा करती हैं। जब मादाएं विघटित कार्बनिक पदार्थों जैसे मल, कचरा और जानवरों के शवों पर अंडे देती हैं। घरेलू मक्खियाँ अपने पैरों पर और अपने शरीर को ढंकने वाले छोटे बालों पर रोग वहन करती हैं। इसलिए मक्खियों के कारण मनुष्य संचारी रोगों की चपेट में आ जाता है। 

गर्मी से जुड़ी बीमारी सबसे गंभीर
इस दौरान प्रधानाचार्य ने बताया कि संक्रामक रोग किसी ना किसी रोगजनित कारको (रोगाणुओं) जैसे कवक, जीवाणु, वायरस इत्यादि के कारण होते है। संक्रामक रोगों में एक शरीर से अन्य शरीर में फैलने की क्षमता होती है। मलेरिया, टायफायड, चेचक, इन्फ्लुएन्जा इत्यादि। लू या हीट स्ट्रोक एक गंभीर रेटिंग स्थिति है, जो तब होती है जब शरीर का तापमान विनियमन मैकेनिज्म ठीक से काम नहीं करता है और खुद को कमजोर, ठंडा करने में असमर्थ हो जाता है। गर्मी से जुड़ी बीमारी को सबसे गंभीर माना जाता है और अगर इसका तुरंत इलाज न किया जाए तो यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है। हीट स्ट्रोक के दौरान शरीर का तापमान सबसे अधिक से अधिक होता है। जिससे मस्तिष्क, हृदय, किडनी और महत्वपूर्ण अंग ठीक से अपना काम नहीं कर पाते हैं। 

जरा सी असावधानी हमारे स्वास्थ्य को खराब कर सकती हैं
लू से बचाव के लिए सूती कपड़े पहने, अधिक धूप में न निकले, अधिक से अधिक पानी का सेवन करें। स्वास्थ्य परामर्शी, स्काउट और रेडक्रॉस प्रभारी सुनीत कुमार ने कहा कि छात्रों को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत रहना चाहिए। जरा सी असावधानी हमारे स्वास्थ्य को खराब कर सकती हैं। इसलिए सावधानी ही बचाव है। बीमारी की स्थिति में तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें और नियमित दिनचर्या, देखभाल व संतुलित भोजन का इस्तेमाल करें। कभी कभी जरा सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। इसलिए बीमारी के शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर ही तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रशिक्षित चिकित्सकों से परामर्श लेकर इलाज करवाएं। इसके साथ ही छात्रों को कई अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी सुझाव और जानकारियां दी गई।

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