मुजफ्फरनगर में एक छात्र को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की सीट पहले राउंड में अलॉट की गई थी, लेकिन समय पर फीस न जमा करने के कारण उसे एडमिशन नहीं मिल सका। इस छात्र ने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया...
IIT की सीट के लिए छात्र पहुंचा सुप्रीम कोर्ट : अदालत ने दिया मदद का भरोसा, जानें क्या है पूरा मामला
Sep 27, 2024 15:44
Sep 27, 2024 15:44
सुप्रीम कोर्ट ने दिया मदद का आश्वासन
मुजफ्फरनगर के खतौली में टिटोडा गांव के निवासी राजेंद्र के बेटे, अतुल कुमार को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की सीट मिली थी। अतुल ने समय पर अपने दस्तावेज जमा कर दिए, लेकिन फीस जमा करने से पहले ही कॉलेज की वेबसाइट ऑटोमेटिक लॉग आउट हो गई, जिससे उसका एडमिशन रुक गया। अतुल ने इसके बाद न्याय के लिए कोर्ट का सहारा लिया। उसने पहले मद्रास हाई कोर्ट में मामला दायर किया, लेकिन वहां तारीख नहीं मिलने पर वकील की सलाह पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां 24 सितंबर को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित छात्र को पूरी मदद का आश्वासन दिया है।
गरीब दलित परिवार से है अतुल कुमार
अतुल कुमार एक गरीब दलित परिवार से हैं, जिनके पिता राजेंद्र फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। अतुल ने अपने भाइयों के साथ गांव के जीआर पब्लिक स्कूल से आठवीं कक्षा पास की, उसके बाद हाई स्कूल गिरजानंद स्कूल खतौली और इंटर शिशु शिक्षा निकेतन से किया। इसके बाद, उसने कानपुर के गहलोत सुपर हंड्रेड इंस्टीट्यूट से तैयारी की। उसने बताया कि वे फीस का इंतज़ाम कर रहे थे और गांववालों से भी पैसे उधार लिए, लेकिन तब तक फीस जमा करने का समय खत्म हो गया।
30 सितंबर को अगली सुनवाई
मामले की 24 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां उन्होंने अपनी बात रखी। कोर्ट ने उन्हें पूरी मदद का आश्वासन दिया है। 30 सितंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। अतुल के पिता दैनिक मजदूर हैं और टेलर का काम भी करते हैं। अ इंजीनियर बनना चाहता है।
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