एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती : अलनूर मीट एक्सपोर्ट प्लांट सील, 90 मीट्रिक टन से अधिक का निर्यात होता मांस

अलनूर मीट एक्सपोर्ट प्लांट सील,  90 मीट्रिक टन से अधिक का निर्यात होता मांस
UPT | अलनूर मीट एक्सपोर्ट प्लांट सील

Aug 05, 2024 12:23

जानसठ रोड स्थित शेरनगर गांव में 1992 से संचालित अलनूर मीट एक्सपोर्ट प्लांट एक प्रमुख मांस प्रसंस्करण केंद्र है। यहां रोजाना 600 से अधिक पशुओं की हत्या की जाती है और प्रतिदिन...

Aug 05, 2024 12:23

Muzaffarnagar News : जानसठ रोड स्थित शेरनगर गांव में 1992 से संचालित अलनूर मीट एक्सपोर्ट प्लांट एक प्रमुख मांस प्रसंस्करण केंद्र है। यहां रोजाना 600 से अधिक पशुओं की हत्या की जाती है और प्रतिदिन 90 मीट्रिक टन से अधिक मांस का निर्यात किया जाता है। एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में प्लांट पर मानक पूरे नहीं पाए गए। जिसके बाद जांच शुरू की गई। जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण खामियां सामने आईं। विशेष रूप से प्लांट से निकलने वाला दूषित जल पूरी तरह से रीसाइकिल नहीं किया जा रहा था और सीधे भूजल में छोड़ दिया जा रहा था। यह जल पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप नहीं था और इसके कारण भूजल और आसपास के पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसके बाद एनजीटी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्लांट को सील कर दिया और इसके संचालन को तुरंत बंद कर दिया।

पेपर उद्योगों पर होगी कार्रवाई
अलनूर प्लांट की कार्रवाई के साथ-साथ, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जनपद के पेपर उद्योगों की भी जांच की। इस जांच के तहत 22 पेपर मिलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। इस जांच की शुरुआत एनजीटी की एक शिकायत पर हुई थी। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि इन पेपर मिलों में अपशिष्ट उपचार संयंत्र मानक के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं। विशेष रूप से बालाजी और सिल्वरटोन पेपर मिलों में अपशिष्ट उपचार संयंत्र की स्थिति बहुत खराब पाई गई। इन दोनों पेपर मिलों को भी तत्काल सुधार के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने बताया
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अंकित सिंह ने जानकारी दी कि। "अलनूर मीट एक्सपोर्ट प्लांट को सील करने का निर्णय इसके गंदे पानी को बिना निस्तारण किए जमीन में छोड़े जाने की वजह से लिया गया है। पेपर मिलों के मामले में भी उनकी खराब अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों के कारण कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। हम शासन को इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की सिफारिश करेंगे।"

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