नेमप्लेट विवाद पर साध्वी प्राची का विवादित बयान : कहा- '...पर नाम लिखने में दिक्कत तो हिंदू धर्म अपना लें'

कहा- '...पर नाम लिखने में दिक्कत तो हिंदू धर्म अपना लें'
UPT | साध्वी प्राची

Jul 25, 2024 00:23

साध्वी प्राची ने कहा कि दूसरे समुदाय के लोग हिंदुओं के नाम से ढाबे, होटल, रेस्टोरेंट चला सकते हैं, लेकिन अपना नाम नहीं लिख सकते।

Jul 25, 2024 00:23

Saharanpur News : सहारनपुर में एक कार्यक्रम के दौरान साध्वी प्राची ने नेमप्लेट विवाद पर अपने विचार व्यक्त किए, जो तुरंत ही चर्चा का विषय बन गए। उन्होंने कहा कि दूसरे समुदाय के लोग हिंदुओं के नाम से ढाबे, होटल, रेस्टोरेंट चला सकते हैं, लेकिन अपना नाम नहीं लिख सकते। अगर हिंदू समाज के नाम पर ही प्रतिष्ठान चलाना है हिंदू धर्म को अपना लें। 

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साध्वी ने कह दी ये बड़ी बात
साध्वी प्राची शिव सेवा कांवड़ संघ के उद्घाटन समारोह में शामिल होने देहरादून रोड पर पहुंची थीं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने न्यायालय के हालिया आदेश पर अपनी निराशा व्यक्त की। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मक्का-मदीना में हिंदुओं को व्यवसाय करने की अनुमति नहीं है, तो यहां ऐसी छूट क्यों दी जानी चाहिए।



साध्वी ने की यूपी सरकार के आदेश की सराहना 
साध्वी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस निर्देश की सराहना की, जिसमें कांवड़ मार्ग पर स्थित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर मालिकों के वास्तविक नाम लिखने को कहा गया था। उन्होंने तर्क दिया कि जो लोग हिंदू नामों का उपयोग करके व्यवसाय चलाते हैं, उन्हें अपनी वास्तविक पहचान छिपाने के बजाय हिंदू धर्म अपना लेना चाहिए।

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इमरान और चंद्रशेखर को भी लपेटा
साध्वी प्राची ने सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद पर भी निशाना साधा, जिन्होंने पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि मसूद को इस मुद्दे पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही, उन्होंने भाजपा सरकार की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 70 वर्षों में जो काम नहीं हुए, उन्हें वर्तमान सरकार ने पूरा किया है। नगीना के सांसद और आसपा प्रमुख चंद्रशेखर, जिन्होंने कांवड़ यात्रा को बंद करने की मांग की थी, उसपर भी साध्वी ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर को इस विषय पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।

यह है मामला
उत्तर प्रदेश में 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी दुकानों के संचालकों या मालिकों को अपनी पहचान स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करनी होगी। यह निर्णय कांवड़ियों की आस्था और शुद्धता को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है, लेकिन इसने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जहां विपक्षी दल इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं, वहीं हिंदू संगठनों ने इसका समर्थन किया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था, जिस पर आज कार्ट ने अंतरिक रोक लगा दी है।

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