शहीद रुपेंद्र तोमर का हुआ अंतिम संस्कार : लोगों ने दी नम आंखों से विदाई, 13 वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि

लोगों ने दी नम आंखों से विदाई, 13 वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि
UPT | शहीद रुपेंद्र तोमर का हुआ अंतिम संस्कार

Jul 21, 2024 15:33

श्रीनगर के स्वर्ण कोट में शहीद हुए सेना के जवान रूपेंद्र तोमर का पार्थिव शरीर रविवार की सुबह शामली स्थित उनके गांव पहुंचा। यहां राष्ट्रीय शिक्षा सदन इंटर कालेज के मैदान में शहीद की अंतिम यात्रा निकाली गई।

Jul 21, 2024 15:33

Short Highlights
  • शहीद रुपेंद्र तोमर का हुआ अंतिम संस्कार
  • लोगों ने दी नम आंखों से विदाई
  • 13 वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि
Shamli News : श्रीनगर के स्वर्ण कोट में शहीद हुए सेना के जवान रूपेंद्र तोमर का पार्थिव शरीर रविवार की सुबह शामली स्थित उनके गांव पहुंचा। यहां राष्ट्रीय शिक्षा सदन इंटर कालेज के मैदान में शहीद की अंतिम यात्रा निकाली गई। शहीद के अंतिम संस्कार में क्षेत्र के हजारों लोग उमड़े थे। सभी ने नम आंखों ने रूपेंद्र तोमर को श्रद्धांजलि दी।

13 वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि
शहीद का पार्थिव शरीर जब रविवार सुबह उनके गृह जनपद शामली पहुंचा, तो उसमें  स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। शोक संतप्त वातावरण में अंतिम यात्रा निकाली गई। देशभक्ति के गीतों और नारों के बीच यात्रा शहीद के पैतृक गांव तक पहुंची। वहां सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के किशोर पुत्र ने भावुक माहौल में पिता को मुखाग्नि दी, जिससे उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम हो गईं।

घर पहुंचे थे कई प्रशासनिक अधिकारी
एक दिन पहले शहीद हुए वीर जवान के परिवार को सांत्वना देने के लिए स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल उनके घर पहुंचा था। इसमें जिले के प्रभारी मंत्री, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और क्षेत्रीय विधायक शामिल थे। उन्होंने शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाया और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। शहीद का पैतृक गांव बीबीपुर जलालाबाद है।

शहीद द्वार बनाने की मांग
शहीद के सम्मान में स्थानीय समुदाय ने एक महत्वपूर्ण मांग रखी। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि नजदीकी राजमार्ग के एक हिस्से का विस्तार किया जाए और उसे वीर जवान के नाम पर समर्पित किया जाए। इस मांग पर क्षेत्र के प्रभारी मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस बीच, शहीद का अंतिम संस्कार अगले दिन उनके गांव में सैन्य सम्मान के साथ होने की योजना बनाई गई। घटना के बाद से ही गांव में शोक की लहर है, और आसपास के क्षेत्रों से लोग लगातार परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।

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