सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहनीय : उलमा बोले-एकता और भाईचारे की जीत, देश आस्था नहीं संविधान से चलता है... 

उलमा बोले-एकता और भाईचारे की जीत, देश आस्था नहीं संविधान से चलता है... 
UPT | उलमा

Jul 22, 2024 19:51

कांवड़ यात्रा के मार्ग में स्थित दुकानदारों के नाम लिखने का आदेश पर सर्वोच्च न्यायालय ने अंतरिम रोक लगा दी है। जिस पर उलेमाओं ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए न्यायालय के निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया है।

Jul 22, 2024 19:51

Saharanpur News : कांवड़ यात्रा के मार्ग में स्थित दुकानदारों के नाम लिखने का आदेश पर सर्वोच्च न्यायालय ने अंतरिम रोक लगा दी है। जिस पर उलेमाओं ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए न्यायालय के निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया है। उलेमाओं का मानना है कि सरकार का मूल निर्णय धार्मिक आस्था के आधार पर लिया गया था। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश का संविधान के अनुसार चलता है।

ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के कांवड़ मार्गों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई

निर्णय को बताया एकता और भाईचारे की जीत
जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक और प्रख्यात विद्वान मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले पर अपनी सराहना व्यक्त की है। उन्होंने इस निर्णय को हिंदुस्तान की एकता और भाईचारे की जीत है। मौलाना गोरा ने कहा कि यह फैसला संविधान के मूल्यों की रक्षा करता है और समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने भारत की विविधता में एकता के सिद्धांत पर जोर दिया, जहां हर धर्म और समुदाय को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है।



सुप्रीम कोर्ट के फैसला को बताया ऐतिहासिक 
उन्होंने कहा कि यह फैसला न सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए बल्कि पूरे हिंदुस्तान के लिए एक मिसाल है। तंजीम इत्तेहाद उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जितना स्वागत किया जाए वे कम है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से हिंदू-मुस्लिमों के बीच नफरत को बढ़ावा मिल रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए यह बता दिया कि देश आस्था से नहीं बल्कि संविधान से चलता है। 

ये भी पढ़ें : नीट पेपर लीक पर हंगामा : राहुल ने कहा-शिक्षामंत्री ने अपने अलावा सबकी गलती बताई, अखिलेश बोले-जब तक ये मंत्री रहेंगे...

यह है मामला
उत्तर प्रदेश में 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी दुकानों के संचालकों या मालिकों को अपनी पहचान स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करनी होगी। यह निर्णय कांवड़ियों की आस्था और शुद्धता को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है, लेकिन इसने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जहां विपक्षी दल इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं, वहीं हिंदू संगठनों ने इसका समर्थन किया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था, जिस पर आज कार्ट ने अंतरिक रोक लगा दी है।

Also Read

534 मुकदमे दर्ज हुए थे, सिर्फ दो में आया फैसला... जो गांव छोड़कर गए, वापस नहीं लौटे

7 Sep 2024 02:00 PM

मुजफ्फरनगर 11 साल बाद भी नहीं भर पाया मुजफ्फरनगर दंगे का जख्म : 534 मुकदमे दर्ज हुए थे, सिर्फ दो में आया फैसला... जो गांव छोड़कर गए, वापस नहीं लौटे

7 सितंबर 2013 को नंगला मंदौड़ में पंचायत के बाद मुजफ्फरनगर में भड़के सांप्रदायिक दंगे को आज 11 साल पूरे हो गए हैं। इस हिंसा में 60 से अधिक हत्याएं, दुष्कर्म और आगजनी की घटनाएं हुई थीं। और पढ़ें