Charan singh death anniversary
अपने लिए कुछ करने के बजाए वो रात दिन किसानों के लिए जुटे रहे। चुनाव आते तो छपरौली के गांव और गलियों में चौधरी साहब निकल जाते। किसानों के घर में ही रात गुजारते और उन्हीं से चुनाव के लिए एक वोट और नोट... और पढ़ें
अपने लिए कुछ करने के बजाए वो रात दिन किसानों के लिए जुटे रहे। चुनाव आते तो छपरौली के गांव और गलियों में चौधरी साहब निकल जाते। किसानों के घर में ही रात गुजारते और उन्हीं से चुनाव के लिए एक वोट और नोट... और पढ़ें