Shradh paksha
'मेरी आंखों का तारा ही मुझे अब आंख दिखाता है, जिसे हर खुशी दी, वही अब हर गम से मिलाता है।' कवि दिनेश रघुवंशी की कविता ग्रेटर नोएडा स्थित रामलाल वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों पर सटकी बैठती है। यहां रह रहे बुजुर्गों की...और पढ़ें
'मेरी आंखों का तारा ही मुझे अब आंख दिखाता है, जिसे हर खुशी दी, वही अब हर गम से मिलाता है।' कवि दिनेश रघुवंशी की कविता ग्रेटर नोएडा स्थित रामलाल वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों पर सटकी बैठती है। यहां रह रहे बुजुर्गों की...और पढ़ें