बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुसार, ओपीडी में प्रतिदिन 30 से 45 वर्ष की आयु के करीब 50 मरीज आ रहे हैं। इनमें लकवा के लक्षण पाए गए हैं। इनमें से अधिकांश मरीज नियमित रूप से शराब, सिगरेट या अन्य प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं।
नशे की लत युवाओं पर भारी : बीएचयू अस्पताल में रोजाना पहुंच रहे 50 युवा मरीज, बढ़ता बीपी बन रहा लकवे का कारण
Jan 12, 2025 12:39
Jan 12, 2025 12:39
युवाओं में बढ़ते लकवा का कारण नशे की लत
बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुसार, ओपीडी में प्रतिदिन 30 से 45 वर्ष की आयु के करीब 50 मरीज आ रहे हैं। इनमें लकवा के लक्षण पाए गए हैं। इनमें से अधिकांश मरीज नियमित रूप से शराब, सिगरेट या अन्य प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। इन युवाओं की परेशानी हाथ-पैरों में झुनझुनी, सिर दर्द और चक्कर आने जैसी शिकायतों से शुरू होकर लकवा जैसी गंभीर स्थिति तक पहुंच रही है।
ओपीडी में बढ़ती मरीजों की संख्या
वर्तमान में बीएचयू न्यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन 150 नए लकवा मरीज आ रहे हैं, जिनमें 50 से अधिक मरीजों की उम्र 45 साल से कम है। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है और युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति की ओर इशारा करता है।
नशे के कारण बढ़ता बीपी और लकवे की संभावना
शराब, सिगरेट और अन्य नशे का सेवन करने से युवाओं का रक्तचाप (बीपी) अचानक बढ़ जाता है। इससे उनके शरीर की नसें धीरे-धीरे सिकुड़ने लगती हैं और कमजोर हो जाती हैं। यह प्रक्रिया लंबे समय तक जारी रहने से लकवे की समस्या पैदा हो जाती है। प्रो. मिश्र के अनुसार, नशा करने वालों में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं अचानक शुरू हो जाती हैं, जो आगे चलकर स्थायी लकवे में बदल सकती हैं।
उपचार की जरूरत
न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ मरीजों को नियमित दवा लेने समय-समय पर बीपी की जांच कराने और नशा छोड़ने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही अभिभावकों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने बच्चों पर ध्यान दें और नशे की लत से उन्हें बचाने के उपाय करें।
समस्या की रोकथाम के उपाय
- युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाना।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना।
- स्कूल-कॉलेजों में स्वास्थ्य और नशामुक्ति के विषय में जागरूकता बढ़ाना।
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