जरायम की दुनिया के बेताज बादशाह मुख्तार अंसारी के गुनाहों के निशान आज भी चंदौली जिले के मुगलसराय कोतवाली की जीडी में मौजूद हैं।
Mukhtar Ansari Death : पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए माफिया ने मार दी थी सिपाही को गोली, थर्रा गया था वाराणसी
Mar 29, 2024 14:06
Mar 29, 2024 14:06
ये था मामला
वर्ष 1991 का 13 अक्टूबर का दिन था। माफिया अपने गुर्गों के साथ जीटी रोड होते हुए शहर के पूर्वी छोर पर पहुंचा था। पुराने फायर ब्रिगेड ऑफिस के समीप एक शराब की दुकान पर मुख्तार का गुर्गा जब शराब खरीदने उतरा तभी वहां तत्कालीन कोतवाली प्रभारी एन के जनवार पहुंच गए और माफिया के गुर्गे को शराब खरीदते पकड़ लिया। इस दौरान मुख्तार मारुति जिप्सी में मौजूद था। इंस्पेक्टर ने माफिया की जिप्सी में एक सिपाही को बैठा दिया और कोतवाली चलने का आदेश दिया। तब शायद इंस्पेक्टर को इस बात का भान नहीं था कि उसने एक बड़ी मछली फंसा ली है। आगे आगे इंस्पेक्टर की गाड़ी चली और पीछे खेल हो गया। मुख्तार की गाड़ी उलटी दिशा में जीटी रोड स्थित रेलवे ब्रिज पर दौड़ने लगी। जब गाड़ी में बैठे सिपाही ने गाड़ी को जबरदस्ती मुड़वाने का प्रयास किया तो माफिया ने उसे गोली मार दी और गाड़ी छोड़कर गुर्गों सहित रेलवे यार्ड होते हुए अपने एक मददगार की मदद से गाज़ीपुर की तरफ फरार होने में कामयाब हो गया।
कोयला मंडी में वसूली के लिए बैठते थे मुख्तार के गुर्गे
इस वारदात के बाद पूरे वाराणसी जिले में हड़कंप मच गया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मुख्तार की खोजबीन शुरू कर दी थी, लेकिन लेकिन मुख्तार हाथ नहीं लग सका। उस दौरान चंदासी कोयला मंडी भी अपने व्यापार में चरम पर थी। यहां के बड़े व्यवसायी गलत सही धंधे में माफियाओं का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते थे। इस वजह से कई माफियाओं का कोयला मंडी में आना-जाना लगा रहता था, इसमें मुख्तार भी एक था। उसने अपने कुछ गुर्गों को यहां कोयला मंडी से वसूली के लिए बैठा भी रखा था। माफियाओं के गुटों में कई कोल व्यवसायियों की हत्या भी हो चुकी है।
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