विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर सोमवार को पूरे प्रदेश में बिजलीकर्मियों निजीकरण के विरोध में विरोध सभा किया।
Varanasi News : बिजली कर्मचारियों का निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन, काली पट्टी बांधकर जताया विरोध
Jan 13, 2025 21:12
Jan 13, 2025 21:12
बिजलीकर्मियों का निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्श
संघर्ष समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निजीकरण के फैसले को वापस लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय व्यापक जनहित के खिलाफ है और इससे बिजली व्यवस्था के साथ-साथ कर्मचारियों का भविष्य भी खतरे में पड़ सकता है। समिति ने स्पष्ट किया कि निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति संबंधी टेंडर जारी होने से कर्मचारियों में गहरा असंतोष है।
हनुमानजी मंदिर में विरोध सभा
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के सभी बिजली कर्मचारी और अभियंता निजीकरण के इस कदम का विरोध कर रहे हैं। वाराणसी में भी सोमवार को कर्मचारियों ने विरोध सभा कर संविदा कर्मियों की छंटनी की कड़ी निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन निजीकरण की प्रक्रिया को तेज करके बिजली व्यवस्था को अस्थिर करने पर उतारू है। संविदा कर्मियों को हटाकर भय का माहौल बनाया जा रहा है, जो अस्वीकार्य है।
निजीकरण का निर्णय वापस लेने की अपील
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि किसी भी कीमत पर निजीकरण की मंशा को सफल नहीं होने दिया जाएगा। समिति ने यह भी कहा कि ट्रांजैक्शन एडवाइजर कंसल्टेंट की नियुक्ति का उद्देश्य पावर कॉर्पोरेशन को पीपीपी मॉडल के तहत दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करना है, जो कर्मचारियों के हितों के विरुद्ध है।
संविदा कर्मियों की छंटनी की कड़ी निंदा
कर्मचारियों ने पूरे सप्ताह काली पट्टी बांधकर विरोध जारी रखने का संकल्प लिया है। समिति ने सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने और जनता के हित में निजीकरण की प्रक्रिया को तुरंत रद्द करने की मांग की।
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