बड़ी कार्रवाई : भ्रष्टाचार उजागर करने वाले कांस्टेबल की हत्या की कोशिश,  IPS अफसर समेत 18 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज

भ्रष्टाचार उजागर करने वाले कांस्टेबल की हत्या की कोशिश,  IPS अफसर समेत 18 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज
UPT | IPS अफसर समेत 18 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज

Nov 28, 2024 18:59

शिकायत पर एक आईपीएस अधिकारी समेत 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ ये मामला सीजेएम कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया है...

Nov 28, 2024 18:59

Ghazipur News : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां सिपाही अनिल कुमार सिंह की शिकायत पर एक आईपीएस अधिकारी समेत 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ ये मामला सीजेएम कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया है। यह मामला गाजीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र का है। जिसमें चंदौली के तत्कालीन एसपी अमित कुमार और अन्य पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगे हैं।

क्या है पूरा मामला?
साल 2021 में चंदौली में तैनात सिपाही अनिल कुमार सिंह ने पुलिस महकमे में चल रही अवैध धन वसूली का पर्दाफाश किया था। अनिल ने वसूली की लिस्ट को सार्वजनिक किया। जिसके बाद डीआईजी विजिलेंस द्वारा जांच कराई गई। जांच में सिपाही के आरोप सही पाए गए। इसके बाद आरोप है कि तत्कालीन एसपी अमित कुमार और अन्य पुलिसकर्मियों ने सिपाही के खिलाफ बदले की कार्रवाई शुरू कर दी। अनिल कुमार ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार उजागर करने के बाद न केवल उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। बल्कि उनकी हत्या की साजिश भी रची गई। जुलाई 2021 में उनकी ससुराल, गाजीपुर के बड़सरा गांव से उनका अपहरण करने की कोशिश हुई। अनिल ने इस मामले में नंदगंज थाने में शिकायत दी, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। जब पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की, तो सिपाही ने कोर्ट का सहारा लिया। मामला पहले सीजीएम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट तक पहुंचा। हाईकोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया, लेकिन पुलिस ने इसे भी नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद हाईकोर्ट के अवमानना आदेश के बाद 27 नवंबर 2024 को FIR दर्ज की गई। आखिर में सिपाही ने सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कंटेम्ट के आदेश में 27 नवंबर को केस दर्ज कराया। आखिरकार, कोर्ट के आदेश के बाद सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज किया गया। 


सिपाही की जान को खतरा!
अनिल कुमार सिंह ने चंदौली में तैनाती के दौरान 12.5 लाख रुपये की अवैध वसूली का भंडाफोड़ किया था और 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ सबूत पेश किए थे। सिपाही ने वसूली की लिस्ट भी वायरल कर दी थी। इसके बाद सिपाही को एसपी ने बर्खास्त कर दिया था। इतना ही नहीं सिपाही ने आरोप लगाया कि उसे जान से मारने और किडनैप करने की भी कोशिश की जा चुकी है। इस दौरान भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले अन्य चार लोगों की हत्या भी की जा चुकी है।  

 'एसपी ने झूठे मुकदमें में फंसाया'
कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह की शिकायत पर तत्कालीन डीआईजी विजिलेंस लव कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच भी थी, जिसमें आरोप सही पाए गये थे। इसके बाद बदला लेने के लिए तत्कालीन चन्दौली एसपी अमित कुमार द्वितीय और इंस्पेक्टर ने कांस्टेबल अनिल कुमार को झूठे मुकदमे में फंसा दिया था।  

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