अअखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा संचालित देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या रविवार गाजीपुर पहुंचे। जहां उन्होंने गायत्री शक्तिपीठ पर नवनिर्मित सजल...
गाजीपुर में आध्यात्मिक कार्यक्रम : डॉ. चिन्मय पंड्या ने सजल श्रद्धा प्रखर प्रज्ञा के समाधि स्थल का किया उद्घाटन
Nov 10, 2024 23:40
Nov 10, 2024 23:40
Ghazipur News : अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा संचालित देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या रविवार गाजीपुर पहुंचे। जहां उन्होंने गायत्री शक्तिपीठ पर नवनिर्मित सजल श्रद्धा-प्रखर प्रज्ञा का लोकार्पण किया। इसके साथ अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक वेद मूर्ति, तपोनिष्ठ आचार्य पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के आध्यात्मिक वैभव के यात्रा पर आधारित युग ऋषि का जीवन दर्शन के प्रदर्शनी का भी लोकार्पण किया। पूर्वांचल के कई जिलों में इन दिनों मऊ, बलिया, गाजीपुर, मोहम्मदाबाद, वाराणसी में जन मानस के हृदय परिवर्तन के लिए विराट यज्ञ व आध्यात्मिक कार्यक्रम संचालित किया जा रहे हैं।
पवहारी बाबा के समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि
डॉ. पंड्या सबसे पहले गाजीपुर के विश्व प्रसिद्ध संत पवहारी बाबा के समाधि स्थल कुर्था पहुंचे। वहां श्रद्धालुओं की टोली के साथ उनका स्वागत किया गया। पवहारी बाबा मंदिर के पुजारी ओंकार नाथ तिवारी ने विधिवत पूजा-पाठ करते हुए बाबा की समाधि की विशेषताओं का वर्णन किया। इस अवसर पर, डॉ. पंड्या ने ठाकुर जी को माल्यार्पण करते हुए सबल राष्ट्र की कामना की। बाबा की समाधि के दर्शन के दौरान, उन्होंने उस कुएं का भी दर्शन किया जिसे बाबा ने अपने हाथों से खुदवाया था। इस दौरान बाबा द्वारा लिखी गई हस्तलिपि भी देखी।
गायत्री शक्तिपीठ में धूमधाम से स्वागत
डॉ. चिन्मय पंड्या नंद रीजेंसी पहुंचे जहां होटल प्रबंधक त्रिलोकी नाथ पांडे ने उनका स्वागत किया। होटल के स्टाफ और मोहल्ले के वासियों ने भी उनका सम्मान किया। निश्चित समय पर डॉ. पंड्या का काफिला गायत्री शक्तिपीठ पहुंचा जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ गायत्री माता की जय और परम पूज्य गुरुदेव की जय के जयकारों से गूंज उठी। गाजीपुर जनपद के कोने-कोने से आए गायत्री परिवार के सदस्यों ने फूलों की वर्षा कर उनका अभिवादन किया।
श्रद्धालुओं को संबोधित किया
गायत्री शक्तिपीठ में एकत्रित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि हम सभी परम चेतना से जुड़े हैं और यह एक बड़ा सौभाग्य है। आज हमारे समाज में अनैतिकता और स्वार्थिता बढ़ रही है। ऐसे समय में हमें गुरुदेव के विचारों से जुड़कर अपने जीवन को उन्नति की ओर ले जाना होगा। उन्होंने आगे कहा कि गायत्री साधना से मानसिक कष्ट में तात्कालिक शांति मिलती है और साधक को आत्मबल प्राप्त होता है। यह साधना ईश्वर प्राप्ति का मार्ग है और इसके माध्यम से मनुष्य को आत्मिक और सांसारिक सुखों की कोई कमी नहीं रहती। डॉ. पंड्या ने गायत्री महामंत्र की वैज्ञानिकता पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इस महामंत्र के प्रत्येक अक्षर में अद्भुत ज्ञान भरा हुआ है जो अज्ञानता के अंधकार को नष्ट करने की क्षमता रखता है।
भौतिक विकास के साथ आध्यात्म भी जरूरी
कार्यक्रम में युवा प्रभारी क्षितिज श्रीवास्तव ने भी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का युवा ही देश का भविष्य है। उन्होंने कहा कि यदि युवाओं में आध्यात्मिक समझ विकसित हो तो वे बड़े से बड़े कारनामे कर सकते हैं। भौतिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिकता का सहारा लेकर ही वे अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। कार्यक्रम में विद्यासागर उपाध्याय, प्रवीण कुमार राय, मारुति नंदन राय, लवहर सिंह यादव, माधुरी सिंह, ममता सिंह, मिथिलेश उपाध्याय, संजय तिवारी, अजीत सिंह आदि मौजूद रहे।
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