जनपद के अति प्राचीन श्री रामलीला कमेटी हरिशंकर की ओर से बीती देर रात को सकलेनाबाद में ऐतिहासिक राम-भरत मिलाप संपन्न हुआ। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर हजारों लोग भरत मिलाप देखने के लिए टकटकी लगाए...
Ghazipur News : ऐतिहासिक श्रीराम-भरत मिलाप, मिलन का दृष्य देखकर भावुक हुए नगरवासी...
Oct 14, 2024 16:47
Oct 14, 2024 16:47
Ghazipur News : जनपद के अति प्राचीन श्री रामलीला कमेटी हरिशंकर की ओर से बीती देर रात को सकलेनाबाद में ऐतिहासिक राम-भरत मिलाप संपन्न हुआ। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर हजारों लोग भरत मिलाप देखने के लिए टकटकी लगाए बैठे थे।
भरत के पास ब्राह्मण वेष में पहुंचे हनुमान
मंचन के दौरान प्रभु श्रीराम 14 वर्ष वनवास के उपरांत रावण को मारकर लक्ष्मण, सीता, जामवंत, हनुमान और सुग्रीव के साथ पुष्पक विमान से वापस अयोध्या के लिए प्रस्थान करते हैं। रास्ते में प्रभु श्रीराम भारद्वाज मुनि के आश्रम पर विश्राम करते हैं। वे अपने सबसे प्रिय सेवक हनुमान से अपने भाई भरत के पास संदेश भेजते हैं। प्रभु श्रीराम का संदेश लेकर हनुमान जी ब्राह्मण का भेष धारण कर अयोध्या पहुंचते हैं। जहां भरत की अपने बड़े भाई प्रभु श्रीराम का चरण पादुका सिंहासन पर विराजमान करके अयोध्या का कार्यभार देखते हुए प्रभु श्रीराम के आने की राह देख रहे थे। हनुमान जी ने भरत जी को श्रीराम, लक्ष्मण और सीता के आने का शुभ संदेश देते हैं। भरत जी द्वारा ब्राह्मण वेशधारी हनुमान जी का परिचय पूछने पर हनुमान जी ने कहा कि 'मारुति सुत मैं कपि हनुमाना, नामु मोर सुनु कृपा निधाना', महाराज मैं प्रभु श्रीराम का सेवक हूं। मेरा नाम हनुमान है। प्रभु श्रीराम ने अपने आने का संदेश आपके पास भेजा है। 'रिपु रन जीति सुजस सर गावत, सीता सहित अनुज प्रभु आवत।'
मिले आज मोहि राम पिरिते
इतना सुनते ही भरत जी ने हनुमान जी से कहा कि 'कपितव दरश सकल दुःख बीते, मिले आज मोहि राम पिरिते।' आपके दर्शन पाकर तथा प्रभु श्रीराम के आने की संदेश सुनकर मेरा सारा दुख दूर हो गया। मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि प्रभु श्रीराम मेरे समक्ष खड़े हैं। उधर, हनुमान जी महाराज भरत से आज्ञा लेकर वापस प्रभु श्रीराम के पास पहुंच जाते हैं। इधर भरत अपने बड़े भाई श्रीराम से मिलने कुलगुरु वशिष्ठ व भ्राता शत्रुघ्न के साथ रथ पर सवार होकर श्रीराम से मिलने भारद्वाज मुनि के आश्रम के लिए प्रस्थान कर देते हैं। भारद्वाज मुनि के आश्रम पहुंचकर दोनों भाई भरत व शत्रुघ्न प्रभु श्रीराम के चरणों में गिर पड़ते हैं। प्रभु श्रीराम भरत को उठाकर अपने गले से लगा लेते हैं। चारों भाई आपस में मिलते हैं। चारों भाइयों के मिलते देखकर वहां उपस्थित जनसमूह ने 'जय श्री राम, जय श्री राम, हर हर महादेव' के नारों से पूरे वातावरण को गूंजायमान कर दिया।
भाव विभोर हुए श्रद्धालु
अति प्राचीन श्री रामलीला कमेटी हरिशंकरी की ओर से भरत शत्रुघ्न की शोभा यात्रा मोहल्ला हरिशंकरी स्थित श्रीराम सिंहासन से शाम 6:00 बजे निकला, जो महाजन टोली, झुन्नू लाल चौराहा, आमघाट, ददरीघाट, महुआबाग चौराहा के रास्ते पहाड़ खां पोखरा होते हुए भरत जी का रथ देर रात 12:00 बजे तक सकलेनाबाद पहुंचा। जहां अपार जनसमूह के बीच श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का मिलन संपन्न हुआ। श्री राम भरत मिलाप के इस भावुक दृश्य को देखकर उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इसके बाद चारों भाई रथ पर सवार होकर पहाड़ खां पोखरा स्थित श्रीराम जानकी मंदिर में पहुंचकर लीला समाप्त हुआ। सुरक्षा के दृष्टिगत भारी पुलिस फोर्स मौजूद रही। इस दौरान कमेटी के सभी पदाधिकारी भी मौके पर उपलब्ध रहे।
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