मनरेगा श्रमिकों के शोषण के खिलाफ मनरेगा मजदूर संघ ने जिलाधिकारी को 14 सूत्रीय मांगों के साथ ज्ञापन सौंपा। मनरेगा मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष हरेंद्र यदुवंशी के नेतृत्व में श्रमिकों ने अपनी समस्याओं को उठाते हुए प्रशासन से त्वरित समाधान की मांग की।
Ghazipur News : मनरेगा श्रमिकों के शोषण के खिलाफ 14 सूत्रीय मांगों के साथ डीएम को सौंपा ज्ञापन, कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी
Sep 13, 2024 18:49
Sep 13, 2024 18:49
Ghazipur News : मनरेगा श्रमिकों के शोषण के खिलाफ मनरेगा मजदूर संघ ने जिलाधिकारी को 14 सूत्रीय मांगों के साथ ज्ञापन सौंपा। मनरेगा मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष हरेंद्र यदुवंशी के नेतृत्व में श्रमिकों ने अपनी समस्याओं को उठाते हुए प्रशासन से त्वरित समाधान की मांग की। उन्होंने बताया कि 1 सितंबर 2023 को भी जिलाधिकारी को श्रमिकों की समस्याओं से अवगत कराते हुए मांग पत्र दिया गया था, लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है।
विकासखंड अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप
जिलाध्यक्ष हरेंद्र यदुवंशी ने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी के आदेशों का विकासखंड अधिकारियों द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है। इस अवहेलना के कारण मनरेगा श्रमिकों का शोषण लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि जिले में मनरेगा के तहत जो भी कार्य हो रहे हैं, वे केवल कागजों पर दिखाए जा रहे हैं, जबकि जमीनी स्तर पर श्रमिकों को काम नहीं मिल रहा है। रोजगार सेवक और मनरेगा सेल के लोग केवल अपने पसंदीदा लोगों का जॉब कार्ड बनाकर फर्जी हाजिरी लगवा रहे हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
मोहम्मदाबाद विकासखंड की स्थिति गंभीर
मनरेगा मजदूर संघ के जिला महासचिव प्रमोद सिंह यादव ने बताया कि मोहम्मदाबाद विकासखंड में श्रमिकों के शोषण की स्थिति गंभीर है। यहां के अधिकारी और ग्राम सचिव फर्जी तरीके से लेबर डिमांड निकाल रहे हैं और मजदूरों को सही काम नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर कई बार मुख्य विकास अधिकारी को शिकायत दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
लेबर बजट की अनदेखी और श्रमिकों की परेशानियां
मनरेगा मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि श्रमिकों के लिए लेबर बजट निर्धारित करने की मांग बार-बार की गई है, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। संघ के सदस्यों ने मांग की कि श्रमिकों को समय पर काम मिले और उनके कार्य पूर्ण होने के 15 दिनों के भीतर उनका भुगतान हो जाए। यदि 15 दिनों के भीतर उन्हें काम नहीं दिया जाता है, तो मनरेगा अधिनियम 2005 के तहत उन्हें बेरोजगारी भत्ता मिलना चाहिए।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे श्रमिक
जिला कोषाध्यक्ष मोहन श्रमिक ने बताया कि जिले के कई श्रमिक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि कुशीनगर में एक महिला श्रमिक ने आर्थिक परेशानियों और माइक्रोफाइनेंस एजेंट द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी। इस घटना की सूचना मिलने पर मनरेगा मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पीड़िता की सहायता की थी।
आंदोलन की चेतावनी
मनरेगा मजदूर संघ ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन और मनरेगा सेल की होगी। इस ज्ञापन को सौंपने के दौरान जिला सचिव धनंजय यादव, ई-सखी जिलाध्यक्ष गोदावरी राजभर, महिला मेट चिंता गौतम, ब्लॉक अध्यक्ष जमानिया मनभाव राजभर, ब्लॉक अध्यक्ष रेवतीपुर मनोज कुमार, ब्लॉक अध्यक्ष मोहम्मदाबाद प्रतिमा यादव और अन्य कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।
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