गाजीपुर में संविधान जागरूकता अभियान के तहत गोष्ठी हुई, जिसमें सांसद अफजाल अंसारी ने संसद भवन में रखे सेंगोल को राजतंत्र का प्रतीक बताते हुए इसे हटाने की बात की। उन्होंने देश की उन्नति के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सहारा लेने की आवश्यकता जताई।
सांसद अफजाल अंसारी ने दिया विवादित बयान : सेंगोल को हटाकर संविधान और लोकतंत्र की स्थापना की बात करनी चाहिए
Dec 02, 2024 16:10
Dec 02, 2024 16:10
Ghazipur News : नगर के जिला पंचायत सभागार में संविधान जागरूकता अभियान के तहत एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सदर विधायक जयकिशन साहू और सांसद अफजाल अंसारी के साथ कई अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इस दौरान सांसद अफजाल अंसारी ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और संसद भवन में रखे सेंगोल को लेकर बड़ा बयान दिया, जो चर्चा का विषय बन गया।
देश की उन्नति के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जाना चाहिए
सांसद अफजाल अंसारी ने संसद भवन में रखे सेंगोल को राजतंत्र का प्रतीक बताया और कहा कि इसे हटाकर संविधान और लोकतंत्र की स्थापना की बात करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे देश में संविधान को लेकर काफी चिंता जताई जा रही है। उनके अनुसार, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में ईवीएम का उल्लेख नहीं किया था, बल्कि केवल मत देने का अधिकार दिया था। अंसारी ने इस बात पर जोर दिया कि देश की उन्नति के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जाना चाहिए।
बाबा साहब ने हमें पढ़ने के लिए प्रेरित किया था, न कि घंटा बजाने के लिए
उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब ने हमें पढ़ने के लिए प्रेरित किया था, न कि घंटा बजाने के लिए। संविधान में 'बोल बम' के लिए भी कोई प्रावधान नहीं किया गया था, यह लोकतंत्र की ताकत को समझने की बात थी। इसके अलावा, सांसद ने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर भी बयान दिया और कहा कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष होनी चाहिए। उन्होंने यह आरोप लगाया कि नया कानून बनाने के बाद, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद और एक विपक्षी नेता को इसमें शामिल किया गया, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
लहसुन की कीमत 400 रुपये किलो के पार पहुंच चुकी है और बेरोजगारी के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हो रही
सांसद अफजाल अंसारी ने आर्थिक स्थिति का जिक्र करते हुए बताया कि लहसुन की कीमत 400 रुपये किलो के पार पहुंच चुकी है और बेरोजगारी के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि अगर पावर एंजॉय कर रहे हैं, तो ऐसे आदेश पारित हो सकते हैं कि किसी का जीवन बर्बाद हो जाएगा। इस टिप्पणी को लेकर अंसारी ने कहा कि अगर यह टिप्पणी शर्मनाक होती, तो वह खुद छत से कूद जाते।
सांसद ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर शिंदे को बुखार हो सकता है, तो इसका क्या मतलब है? जब एकनाथ शिंदे को बुखार आ सकता है तो सरकार कैसे चल सकती है? इस संदर्भ में उन्होंने संसद में भी बुखार का जिक्र किया और कहा कि यहां भी बुखार छाया हुआ है। अंत में, उन्होंने चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के बैक गियर लगाने के बारे में भी टिप्पणी की।
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