मुख्तार अंसारी के वकील पर गिरी गाज : सिविल बार एसोसिएशन से लियाकत अली की सदस्यता रद, इस मामले में हुई कार्रवाई

सिविल बार एसोसिएशन से लियाकत अली की सदस्यता रद, इस मामले में हुई कार्रवाई
UPT | Liaqat Ali

Oct 11, 2024 01:29

यह जानकारी गाजीपुर के सिविल बार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष गोपाल लाल श्रीवास्तव ने दी। उनके अनुसार, यह कार्रवाई लियाकत अली द्वारा किए गए हालिया विवाद के कारण की गई है...

Oct 11, 2024 01:29

Short Highlights
  • लियाकत अली के खिलाफ सिविल बार एसोसिएशन की कार्रवाई
  • एसोसिएशन से सदस्यता रद्द 
  • हालिया विवाद को लेकर हुई कार्रवाई
Ghazipur News : गाजीपुर में माफिया मुख्तार अंसारी के पूर्व वकील लियाकत अली के खिलाफ सिविल बार एसोसिएशन ने कड़ी कार्रवाई की है। एसोसिएशन ने उनकी सदस्यता को रद्द करते हुए उन्हें आजीवन निष्कासित कर दिया है। गाजीपुर के सिविल बार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष गोपाल लाल श्रीवास्तव ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई लियाकत अली द्वारा किए गए हालिया विवाद के कारण की गई है।

इस मामले में हुई कार्रवाई
दरअसल, 6 अक्टूबर को सदर कोतवाली के शिवपुरी कालोनी में लियाकत अली के बेटे और एक स्थानीय युवक के बीच गाड़ी हटाने को लेकर कहासुनी हुई। इस झगड़े के बाद लियाकत अली के बेटे ने युवक की पिटाई की। जिसके बाद, वकील सत्येंद्र यादव और अन्य लोग लियाकत अली के घर पहुंचे, जहां हाथापाई हुई। लियाकत अली ने इस घटना का वीडियो मीडिया को भी जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर उनकी गलती हुई तो इसके लिए सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जिम्मेदार होंगे।



डीएम और एसपी को सौंपा पत्र
वहीं इस घटना के बाद, लियाकत अली ने 8 अक्टूबर को गाजीपुर के डीएम और एसपी को एक पत्र सौंपा। उन्होंने हाथापाई के मामले में सत्येंद्र यादव और अन्य के खिलाफ भी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। इन सभी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, लियाकत अली और सत्येंद्र यादव के खिलाफ एक प्रस्ताव सिविल बार एसोसिएशन की कमेटी के समक्ष रखा गया।

पहले से दर्ज हैं कई मुकदमे
वहीं अधिवक्ताओं ने लियाकत अली के खिलाफ इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसके चलते उनकी आजीवन सदस्यता रद्द कर दी गई। इसके साथ ही, उनका नाम एसोसिएशन के रजिस्टर से हटाकर लाल कलम से रेखांकित किया गया। गोपाल लाल ने यह भी बताया कि लियाकत अली का विवादों से पुराना नाता रहा है और वे पहले भी कई अधिवक्ताओं के साथ मारपीट कर चुके हैं, जिनके खिलाफ पहले से मुकदमे दर्ज हैं।

मुख्तार अंसारी के वकील के रूप में है पहचान
लियाकत अली का नाम गाजीपुर में 15 जुलाई 2001 के उसरी चट्टी कांड से भी जुड़ा हुआ है, जहां वे मुख्तार अंसारी के वकील के रूप में जाने जाते थे। उनके अन्य मामलों में भी लियाकत अली ने मुख्तार अंसारी की पैरवी की थी, जिससे उनका नाम इलाके में चर्चित रहा है। 

पांच बार विधायक बने माफिया मुख्तार अंसारी 
मुख्तार अंसारी ने माफिया से राजनीति में कदम रखा और मऊ से पांच बार विधायक बनने का रिकॉर्ड बनाया। मुख्तार अंसारी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार के रूप में की और अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता। जिसके बाद, अंसारी ने 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने की कोशिश की, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, 2010 में मुख्तार अंसारी पर आपराधिक गतिविधियों के आरोपों के कारण बसपा से निष्कासित कर दिया गया। अंसारी ने अपने भाइयों के साथ मिलकर कौमी एकता दल का गठन किया, जो 2017 में बसपा के साथ विलय हो गया, जिससे वह फिर से विधानसभा में निर्वाचित हुए।

मौत के बाद परिजनों ने लगाया आरोप
मुख्तार अंसारी की मौत 28 मार्च, 2024 को बांदा जेल में हुई। अंसारी ने मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया, लेकिन उनके परिजनों ने आरोप लगाया कि उन्हें जेल में धीमे जहर दिया गया था। हालांकि, पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट में जहर की कोई पुष्टि नहीं हुई, जिससे उनकी मृत्यु का कारण हार्ट अटैक ही ठहराया गया।

ऐसे हुई माफिया बनने की शुरुआत
मुख्तार अंसारी की आपराधिक पृष्ठभूमि की शुरुआत साल 1988 में हुई थी। जानकारी के अनुसार, उस साल, 25 अक्तूबर को आजमगढ़ में एक व्यक्ति ने अंसारी पर हत्या की कोशिश का आरोप लगाया था, लेकिन साल 2007 में उन्हें इस मामले में कोर्ट से बरी कर दिया गया। मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक राजनीतिक खानदान के रूप में रही है।

इन क्षेत्रों में मजबूत थी अंसारी की पकड़
मुख्तार अंसारी ने 1990 में अपने गैंग का गठन किया, जिसके बाद उसने कोयला खनन और रेलवे ठेकों का काम शुरू किया। इस गतिविधि के जरिए अंसारी ने 100 करोड़ रुपये का कारोबार खड़ा किया। इसके साथ ही, वह गुंडा टैक्स, जबरन वसूली और अपहरण के धंधे में भी शामिल हो गया। अंसारी सिंडिकेट पूर्वांचल के क्षेत्रों जैसे मऊ, गाजीपुर, बनारस और जौनपुर में सक्रिय था, जहां उसने अपनी पकड़ मजबूत की।

जब दूसरे गैंग से हो गई दुश्मनी
मुख्तार अंसारी की दुश्मनी ब्रजेश सिंह के गैंग से शुरू हुई, जब 1990 में ब्रजेश सिंह का गैंग सरकारी ठेकों पर कब्जा करने लगा। ठेकों को लेकर हुई इस प्रतिद्वंद्विता के कारण दोनों गैंगों के बीच लड़ाई बढ़ी। इस दौरान ब्रजेश ने मुख्तार के काफिले पर कई बार हमले भी कराए, जिससे उनकी दुश्मनी और भी गहरी हो गई।

माफिया को मिली थी उम्रकैद की सजा
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ कुल 65 आपराधिक मामले दर्ज हुए, जिनमें 18 हत्या के मामले शामिल थे। अंसारी के खिलाफ लखनऊ, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, सोनभद्र, मऊ, आगरा, बाराबंकी, आजमगढ़ के साथ-साथ नई दिल्ली और पंजाब में भी मुकदमे चल रहे थे। 2005 में अपराध की दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत करने के बाद वह जेल चला गया और वहां से बाहर नहीं आ सका। उसे विभिन्न मामलों में कई बार सजा सुनाई गई, जिसमें 2023 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में 10 साल की सजा और 2024 में आर्म्स एक्ट के तहत उम्रकैद शामिल है।

मुख्तार अंसारी के खिलाफ चले कई चर्चित मुकदमे

24 जुलाई 1990 : देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ बड़ागांव थाने में डकैती और अपहरण का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने सितंबर 1990 में कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की।

3 अगस्त 1991 : पूर्व विधायक अजय राय ने अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी के खिलाफ चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

23 जनवरी 1997 : वाराणसी के भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया गया। निचली अदालत में वह इस मामले में दोषमुक्त हो गया।

6 फरवरी 1998 : भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाया गया।

1 दिसंबर 1997 : मुख्तार अंसारी के खिलाफ धमकी देने का मामला दर्ज किया गया।

17 जनवरी 1999 : भेलूपुर थाने में मुख्तार के खिलाफ धमकी और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया।

20 जुलाई 2022 : कैंट थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ आपराधिक साजिश और अन्य आरोपों में मामला दर्ज हुआ।

ये भी पढ़ें- बहराइच में मानवता शर्मसार : 5 किलो गेहूं की चोरी के आरोप में नाबालिगों को तालिबानी सजा, माथे पर लिखा- 'मैं चोर हूँ'

Also Read

IMS, BHU को मिली एम्स जैसी स्वास्थ्य सेवाएं, एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

22 Nov 2024 06:47 PM

वाराणसी पूर्वांचल के मरीजों के लिए राहत की खबर : IMS, BHU को मिली एम्स जैसी स्वास्थ्य सेवाएं, एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

आईएमएस बीएचयू को अब एम्स जैसी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलने जा रहा है। नई दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं... और पढ़ें