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Varanasi News : ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के मामले में 3 जनवरी को होगी सुनवाई

ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के मामले में 3 जनवरी को होगी सुनवाई
UP Times | Gyanvapi survey Case

Dec 21, 2023 16:04

हिंदू पक्ष ने सर्वे रिपोर्ट की प्रति को कोर्ट द्वारा दिए जाने का अनुमति मांगी थी। इस मामले में एएसआई के अधिवक्ता शंभु शरण सिंह ने बताया कि बार काउंसिल के चुनाव की वजह से न्यायालय ने इस मामले में 3 जनवरी की अगली तारीख तय की है।

Dec 21, 2023 16:04

Short Highlights
  • ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के मामले में 3 जनवरी को होगी सुनवाई
Varanasi News : श्रृंगार गौरी केस में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दो सील बंद लिफाफे एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) टीम के द्वारा 18 दिसंबर को दाखिल किए गए थे। साथ ही मुस्लिम पक्ष द्वारा एएसआई की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। वही हिंदू पक्ष ने सर्वे रिपोर्ट की प्रति को कोर्ट द्वारा दिए जाने का अनुमति मांगी थी। इस मामले में एएसआई के अधिवक्ता शंभु शरण सिंह ने बताया कि बार काउंसिल के चुनाव की वजह से  न्यायालय ने इस मामले में 3 जनवरी की अगली तारीख तय की है। वहीं मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से मांग की थी, कि शपथ पत्र लेकर ही रिपोर्ट हिंदू पक्ष को दी जाए। वहीं रिपोर्ट को लेकर मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की मांग रखी गई थी। 

जिलाधिकारी की निगरानी में साक्ष्‍य
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि एएसआई द्वारा रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में दाखिल की गई है। उनके द्वारा रिपोर्ट को देने की मांग की गई है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सबमिट करना उचित नहीं है। एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर का जीपीआर, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी समेत अन्य कई वैज्ञानिक तकनीक से सर्वे किया है। रिपोर्ट में परिसर से कलाकृतियों, मूर्तियों, दीवारों, स्थल के बनावट, तहखानों को लेकर एएसआई ने रिपोर्ट तैयार की है। वहां से 250 से ज्यादा साक्ष्यों को इकठ्ठा किया गया है। जिसे जिलाधिकारी की निगरानी में लॉकर में रखा गया है।

सर्वे में देशभर के विशेषज्ञ शामिल
16 मई को सील एरिया को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को प्रार्थना पत्र हिंदू पक्ष की ओर से जिला जज की अदालत में दाखिल किया गया था। इसे स्वीकार करते हुए 21 जुलाई को जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर (सुप्रीम कोर्ट द्वारा सील क्षेत्र को छोड़कर) का सर्वे करने का आदेश दिया था। जिला जज की अदालत के आदेश के बाद 24 जुलाई को एएसआई द्वारा सर्वे का कार्य शुरू किया गया था। करीब सौ दिनों तक चले सर्वे कार्य में देश भर से विशेषज्ञों की टीम ने सहभागिता की। 


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अब तक की कार्रवाई
मुस्लिम पक्ष की ओर से सर्वे का विरोध करते हुए अंजुमन इंतेजामिया सुप्रीम कोर्ट चला गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उसे हाईकोर्ट जाने का आदेश देते हुए, 26 जुलाई तक सर्वे पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद 25 जुलाई को हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए तीन अगस्त तक सर्वे पर रोक लगा दी थी। तीन अगस्त को हाईकोर्ट ने एएसआइ को ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक विधि से सर्वे की अनुमति दे दी थी। चार अगस्त से ज्ञानवापी परिसर में सर्वे फिर से शुरू किया गया, जो लगातार दो नवंबर तक चला। बीते 11 दिसंबर को जिला जज ने एएसआई को सर्वे रिपोर्ट 18 दिसंबर तक दाखिल करने का आदेश दिया था।
 

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