इंडियन वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने मल्टीमॉडल टर्मिनल का निरीक्षण किया और स्थानीय कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिए। विशेष रूप से, हाईड्रोजन प्लांट...
देश का पहला हाईड्रोजन जलयान गाजीपुर से काशी रवाना : आज नमो घाट पहुंचने की उम्मीद, अधिकारियों ने की तैयारियों की समीक्षा
Jul 14, 2024 12:44
Jul 14, 2024 12:44
- देश का पहला हाईड्रोजन संचालित जलयान अपनी यात्रा पर है
- इसे रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल राल्हपुर तक ले जाया जाएगा
- इसका उपयोग महाकुंभ के दौरान किया जाएगा
जलयान का निरीक्षण किया गया
इस परियोजना की तैयारियों के तहत, इंडियन वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने मल्टीमॉडल टर्मिनल का निरीक्षण किया और स्थानीय कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिए। विशेष रूप से, हाईड्रोजन प्लांट की स्थापना पर चर्चा की गई, जो इस नवीन जलयान के संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि गंगा में पर्याप्त जलस्तर है, जो जलयान की निर्बाध यात्रा को सुगम बनाएगा।
महाकुंभ में होगा उपयोग
यह हाईड्रोजन जलयान पर्यटन विभाग के अधीन संचालित होगा। इसका उपयोग विशेष रूप से काशी-प्रयागराज के बीच महाकुंभ के दौरान किया जाएगा। हालांकि, जलयान के अंदरूनी हिस्से में अभी कुछ कार्य शेष हैं, जिनमें सजावट और प्रकाश व्यवस्था शामिल हैं। यह जलयान न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल यात्रा का एक उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा।
20 टन है वजन
इस अभिनव जलयान का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में किया गया। इसे समुद्री मार्ग से कोलकाता लाया गया और फिर गंगा नदी के माध्यम से वाराणसी की ओर भेजा गया। यह 50 सीटों वाला जलयान लगभग 28 मीटर लंबा और 5.8 मीटर चौड़ा है, जिसका कुल वजन करीब 20 टन है। यह नदी में 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकता है और पूरी तरह से हाईड्रोजन ईंधन पर कार्य करता है।
10 करोड़ की लागत
इस परियोजना पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वाराणसी में एक हाईड्रोजन प्लांट की स्थापना भी प्रक्रियाधीन है, जो इस जलयान के संचालन में सहायक होगा। जलयान के वाराणसी पहुंचने के बाद, इसे स्थानीय पर्यटन विभाग को सौंप दिया जाएगा, जो इसके दैनिक संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा। यह पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को भी प्रोत्साहित करेगी।
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