प्रयागराज में कुंभ से पहले काशी में सती के 51 शक्तिपीठों एवं द्वादश ज्योतिर्लिंगों का महासमागम होगा। इसमें कई देशों से विद्वान जुटेंगे, जिसका उद्घाटन 30 नवंबर को किया जाएगा, 1 दिसम्बर को समापन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे।
महाकुंभ : मेले से पहले काशी में 51 शक्तिपीठों और द्वादश ज्योतिर्लिंग का होगा महासमागम, सीएम होंगे शामिल
Nov 27, 2024 16:40
Nov 27, 2024 16:40
वाराणसी के सिगरा स्थित मौलबी बाग स्थित सेन्टर फॉर सनातन रिसर्च एवं ट्राईडेन्ट सेवा समिति ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में मीडिया से बात करते हुए लक्ष्मी नारायण मिश्रा ने बताया कि 30 नवम्बर से सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में मां सती के 51 शक्तिपीठ एवं द्वादश ज्योर्तिलिंगों का महासमागम" का आयोजन किया जाएगा।
साधु-संत और पीठाधीश्वर महासमागम में पधार रहे
इस महासमागम में 51 शक्तिपीठों के पीठाधीश्वर और धार्मिक, दार्शनिक, मां सती के एकीकृत एवं संपूर्ण रूप दर्शन को प्रस्तुत करेंगे। साथ ही श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भारत के राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर, मेघालय, त्रिपुरा, असम, मैसूर, मानसरोवर आदि स्थान के साधु-संत और पीठाधीश्वर इस महासमागम में पधार रहे हैं।
कलश यात्रा निकालकर महासमागम का शुभारंभ होगा
कार्यक्रम के पहले 29 नवंबर को चितरंजन पार्क से श्री काशी विश्वनाथ धाम तक कलश यात्रा निकालकर महासमागम का शुभारंभ होगा। 30 नवंबर को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में महासमागम का उद्घाटन होगा। इसके मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक होंगे। एक नवंबर को समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल है।
सेंटर फॉर सनातन रिसर्च का मुख्य उद्देश्य रचनात्मक कार्य करना है
संस्था के अध्यक्ष त्रिपाठी ने बताया कि सेंटर फॉर सनातन रिसर्च का मुख्य उद्देश्य अनेकों माध्यम से सनातन धर्म का कर प्रचार-प्रसार करना एवं रचनात्मक कार्यों के माध्यम से जन-जन तक सनातन धर्म के मूल्य, धर्मदर्शन और संस्कारों को पहुंचना है। राष्ट्रीय महामंत्री लक्ष्मी नारायण शर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि ट्राईडेंट सेवा समिति ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य भारत वर्ष में लाखों मंदिर रख-रखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में चल रहे हैं। इस स्थिति को ठीक करने के उद्देश्य से ट्रस्ट का गठन किया गया है। जो अपने सामर्थ्य के अनुसार मंदिर के जीर्णोधार और उनके कायाकल्प के संकल्प को लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रशांत हड़ताडकर ने बताया कि शक्तिपीठ, सिद्धपीठ देवीपीठ जिसका अर्थ है 'शक्ति का आसान से उन स्थानों का ज्ञात होता है। जहां शक्ति रूप देवी का निवास है। हिंदू धर्म के अनुसार जहां सती देवी के शरीर के अंग गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ बन गई। वे अत्यंत पावन तीर्थ कहलाए। पवित्र शक्तिपीठ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर स्थापित है। देवी पुराण में 51 शक्ति का वर्णन है। इन 51 शक्तिपीठों में से कुछ विदेश में भी है। वर्तमान में भारत में 42, बांग्लादेश में चार, पाकिस्तान में एक, श्रीलंका में एक, तिब्बत में एक तथा नेपाल में दो शक्तिपीठ स्थित है।
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