स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में कार्यरत संविदा शिक्षकों को छात्रों के शोध कार्य में सह-निदेशक (को-गाइड) की भूमिका निभाने का अधिकार प्रदान किया है। यह निर्णय विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद...
काशी विद्यापीठ : कार्यपरिषद ने लिया अहम फैसला, शिक्षकों को मिला शोध निर्देशन का अधिकार
Jul 27, 2024 08:39
Jul 27, 2024 08:39
- संविदा शिक्षक शोध कार्य में सह-निदेशक की भूमिका निभाएंगे
- एक शिक्षक अधिकतम दो छात्रों के शोध कार्य का मार्गदर्शन कर सकेंगे
अधिकतम दो छात्रों के शोध का कर सकेंगे मार्गदर्शन
इस नए प्रावधान के तहत, एक शिक्षक अधिकतम दो छात्रों के शोध कार्य का मार्गदर्शन कर सकेंगे। यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले यह अधिकार केवल विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों के पास था, जबकि महाविद्यालयों के संविदा शिक्षकों को यह सुविधा प्राप्त नहीं थी। इस निर्णय से शैक्षणिक क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
बढ़ाया गया अतिथि अध्यापकों का मानदेय
कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय ने बताया कि बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए। इनमें स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के संविदा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि का प्रस्ताव भी शामिल है। साथ ही, एनटीपीसी परिसर और गंगापुर परिसर में धर्मविज्ञान एवं कर्मकांड विषय के लिए एक नए पद का सृजन किया गया है। अतिथि अध्यापकों का मानदेय भी बढ़ाकर अधिकतम 30 हजार रुपये कर दिया गया है।
एनटीपीसी परिसर में बीबीए पाठ्यक्रम शुरू होगा
विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षणिक दायरे को और विस्तृत करने का भी निर्णय लिया है। एनटीपीसी परिसर में बीबीए पाठ्यक्रम तथा गंगापुर परिसर में बीफार्मा और डीफार्मा पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसला किया गया है। इसके अलावा, बीएफए और एमएफए पाठ्यक्रमों में एक-एक अतिरिक्त सेक्शन की वृद्धि भी की जाएगी। ये कदम छात्रों को अधिक विकल्प और अवसर प्रदान करेंगे।
कार्यपरिषद ने 25 करोड़ के पेंशन फंड को दी मंजूरी
कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए, कार्यपरिषद ने 25 करोड़ रुपये के पेंशन फंड को भी मंजूरी दी है। यह फंड निजी स्रोतों से व्यय भार वहन करने वाले सृजित पदों पर कार्यरत रहे कर्मियों के पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों के लिए उपयोग किया जाएगा। यह निर्णय कर्मचारियों की दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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