काशी में शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन करने के लिए सुबह से भक्तों की भीड़ लगी हुई है। यह मंदिर बालाजी घाट पर स्थित है। मान्यता है माता ब्रह्मचारिणी के दर्शन पूजन करने से सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति...
Varanasi News : नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी के दर्शन को उमड़े भक्त, बाधाओं से मिलती है मुक्ति...
Oct 04, 2024 12:18
Oct 04, 2024 12:18
मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में जन्म लिया
शास्त्रों में बताया गया है कि मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के यहां पुत्री बनकर जन्म लिया और महर्षि नारद के कहने पर अपने जीवन में भगवान महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। हजारों वर्षों तक अपनी कठिन तपस्या के कारण ही इनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ा। उन्हें त्याग और तपस्या की देवी माना जाता है।
भक्तों को प्राप्त होती हैं सिद्धियां
ब्रह्मचारिणी मां की उपासना एवं आराधना करने से भक्तों को अनेक प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है, जैसे तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार इत्यादि की वृद्धि होती है। इनकी कृपा से भक्तों को सर्वत्र विजय की प्राप्ति होती है एवं जीवन की अनेक प्रकार की परेशानियां भी समाप्त हो जाती हैं। माता ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में अक्षमाला, बाएं हाथ में कमंडल लिए हुए हैं।
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