कैंट रेलवे स्टेशन पर रिमॉडलिंग का काम तेजी से जारी है। इस बार स्टेशन पर ट्रैक को रिमॉडल करने के लिए साठ दिनों का ब्लॉक लेने की तैयारी शुरू हो गई है। यह नया ट्रैक बनारस का पहला बैलास्टलेस...
बदलता उत्तर प्रदेश : वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर बैलास्टलेस ट्रैक का निर्माण, नई तकनीक से होगा स्पीड में सुधार
Aug 01, 2024 15:19
Aug 01, 2024 15:19
बैलास्टलेस ट्रैक की विशेषताएँ
बैलास्टलेस ट्रैक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे बिना गिट्टियों के बनाया जाता है। यह ट्रैक मजबूत और टिकाऊ होता है, जिससे लंबे समय तक इसका उपयोग किया जा सकता है। डीआरएम लखनऊ एसएन शर्मा ने बताया कि इस तकनीक की मदद से अब तक इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब ट्रेनों की गति प्लेटफार्म पर पंद्रह किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर तीस किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी।
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प्लेटफार्म नंबर पाँच पर होगा काम
डीआरएम लखनऊ एसएन शर्मा ने जानकारी दी कि वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पाँच को इस प्रोजेक्ट के लिए चिन्हित किया गया है। यहां बैलास्टलेस ट्रैक के साथ-साथ पूरे प्लेटफार्म को नये तकनीक और विशेष सुविधाओं के साथ बनाया जाएगा। इससे यात्रियों को और अधिक सुविधाएँ मिलेंगी और ट्रेनों की आवाजाही में भी सुधार होगा।
मेट्रो ट्रेनों में बैलास्टलेस ट्रैक का उपयोग
बैलास्टलेस ट्रैक मेट्रो ट्रेनों में उपयोग किए जाते हैं, और अब रेलवे भी अपने ट्रेनों के लिए इस तकनीक का उपयोग कर रही है। देश के कई प्लेटफार्म पर बैलास्टलेस ट्रैक की शुरुआत हो चुकी है और अब वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर भी इसे लागू किया जा रहा है। इस तकनीक से प्लेटफार्म और ट्रैक दोनों की स्थायित्व और मजबूती में वृद्धि होगी।
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रिमॉडलिंग का महत्व
कैंट रेलवे स्टेशन पर रिमॉडलिंग का काम लगातार जारी है और इसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ प्रदान करना है। नई तकनीक और विशेष सुविधाओं के साथ प्लेटफार्म को आधुनिक बनाना एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ट्रेनों की गति और सुरक्षित यात्रा के लिए बेहतर प्रबंध होंगे।
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