नई व्यवस्था के तहत क्षेत्र को सात विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जिनमें से छह क्षेत्रों में भवनों की अधिकतम ऊंचाई का निर्धारण किया गया है।
बाबतपुर एयरपोर्ट के 20 किमी दायरे में ऊंचाई सीमा तय : वीडीए ने जारी किया कलर कोड जोन मैप, सात श्रेणियों में बंटा निर्माण क्षेत्र
Nov 08, 2024 13:14
Nov 08, 2024 13:14
- बाबतपुर एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र में भवन निर्माण को लेकर दिशा-निर्देश जारी
- नई व्यवस्था के तहत क्षेत्र को सात विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
- सातवीं श्रेणी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में निर्माण के लिए एएआई से अनुमति प्राप्त करना जरूरी
कलर कोड जोन मैप
नई व्यवस्था के तहत क्षेत्र को सात विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है। जिनमें से छह क्षेत्रों में भवनों की अधिकतम ऊंचाई का निर्धारण किया गया है। हरे रंग के क्षेत्र में 192 मीटर तक की ऊंचाई की अनुमति है, जो सबसे अधिक है। गुलाबी क्षेत्र में यह सीमा 162 मीटर, स्वर्णिम क्षेत्र में 122 मीटर, हल्के हरे रंग के क्षेत्र में 112 मीटर, नीले क्षेत्र में 102 मीटर और बैंगनी क्षेत्र में 92 मीटर निर्धारित की गई है। सातवीं श्रेणी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में निर्माण के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से विशेष अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होगा।
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नियमों का पालन अनिवार्य, पुराने भवनों पर भी नजर
नगर विमानन मंत्रालय के वर्ष 2020 के नियमों के अनुरूप, पुराने भवनों की ऊंचाई को भी नए मानकों के अनुसार समायोजित किया जाएगा। इस उद्देश्य से वीडीए और एयरपोर्ट प्राधिकरण के अधिकारी साप्ताहिक निरीक्षण करेंगे। पिछले एक माह के सर्वेक्षण में 15 भवनों और 4 मोबाइल टावरों को निर्धारित मानकों से अधिक ऊंचाई वाले पाया गया है। इन संरचनाओं के मालिकों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिनमें से दो भवन स्वामियों ने पहले ही अपनी इमारतों की ऊंचाई को नियमानुसार समायोजित कर लिया है।
प्राधिकरण वेबसाइट पर भी उपलब्ध कलर कोड जोन मैप
वीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जन सुविधा के लिए कलर कोड जोन मैप को प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नए निर्माण कार्य इसी मैप के अनुसार किए जाने चाहिए। कुछ विशेष क्षेत्रों में निर्माण के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक होगी और बिना अनुमति के निर्माण करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नई व्यवस्था विमानन सुरक्षा और शहरी विकास के बीच संतुलन स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे न केवल एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र में नियोजित विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि विमान संचालन की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
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