योगी सरकार के नेतृत्व में वाराणसी ने मातृ एवं शिशु देखभाल के क्षेत्र में लगातार सुधार कर एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया है। वाराणसी पिछले तीन वर्षों से उत्तर प्रदेश के टॉप-5 जिलों में शामिल है...
वाराणसी बना मातृ और शिशु देखभाल में रोल मॉडल : तीन साल से लगातार टॉप-5 में, ऐसे कायम की मिसाल
Oct 23, 2024 17:34
Oct 23, 2024 17:34
बेहतर प्रबंधन से शिशु व मातृ मृत्यु दर में आई कमी
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि वाराणसी में सिजेरियन प्रसवों में 700 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि संस्थागत प्रसवों में 60 फीसदी इजाफा हुआ है। इसके अलावा, जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं की देखभाल में भी बेहतर प्रगति दर्ज की गई है। वर्ष 2020-21 में जहां 55,132 प्रसव हुए थे, वहीं 2023-24 में यह संख्या 78,178 तक पहुंच गई। बेहतर प्रबंधन से शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), और नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) में कमी आई है।
योजना के बिंदु
- मॉडल वीएचएनडी (ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस): 3000 से अधिक वीएचएनडी साइटों पर जन्म और विभिन्न परीक्षणों की नियमित निगरानी।
- वीएचएनडी साइटों को सुलभ स्थानों पर स्थानांतरित करना: अधिक उपयुक्त सेंटर पर साइटों को स्थानांतरित कर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं।
- एनबीएसयू केयर को उच्चकृत बनाना: एनबीएसयू (न्यू बॉर्न स्टेब्लाइजेशन यूनिट ) केयर को उच्चीकृत करने के साथ प्रसव सेंटर पर स्थापित किया गया।
- जटिल प्रसवों के लिए एफआरयू की संख्या में वृद्धि: प्राथमिक रेफरल यूनिट्स (एफआरयू) की संख्या बढ़ाई गई।
- एमएनसीयू की स्थापना: कम वजन वाले शिशुओं की देखभाल के लिए 12 नए मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल इकाइयों (एमएनसीयू) की स्थापना की गई।
- उपकेंद्रों का बेहतर किया गया: 200 से अधिक प्रसव उपकेंद्रों को उच्चीकृत कर सुविधाओं का विस्तार किया गया।
- नवजात की गृह-आधारित देखभाल में सुधार: नवजात की देखभाल के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान की गईं।
- एचआरपी ट्रैकिंग: एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा हाई रिस्क प्रेग्नेन्सीज़ की बेहतर निगरानी की गई।
- लक्ष्य योजना: इस योजना के तहत बेहतर सर्जरी और प्रसव कक्ष की व्यवस्था की गई।
- साप्ताहिक निगरानी: सभी उपायों की साप्ताहिक आधार पर नियमित निगरानी की जा रही है।
अन्य जिलों के लिए हैं प्रेरणा
मातृ एवं शिशु देखभाल में रोल मॉडल बनने के लिए वाराणसी में अपनाए गए यह 10 एक्शन प्लान इस सफलता के पीछे प्रमुख कारण हैं। इस मॉडल की सफलता ने वाराणसी को जननी सुरक्षा योजना और मातृ वंदना योजना में राज्य के शीर्ष जिलों में शामिल कर दिया है, जो अन्य जिलों के लिए प्रेरणा है।
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