ब्रिज के लिए डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 2,642 करोड़ रुपये है और इसे पूरा करने का लक्ष्य चार वर्ष रखा गया है...
काशी के सबसे बड़े रेल-रोड ब्रिज का ब्लू प्रिंट जारी : पांच राज्यों को जोड़ेगी यह परियोजना, पीएम ने कहा- रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
Oct 17, 2024 12:21
Oct 17, 2024 12:21
- वाराणसी में बनेगा रेल-रोड काशी ब्रिज
- पांच राज्यों के बीच बढ़ेगी कनेक्टीविटी
- 2,642 करोड़ रुपये से होगा निर्माण
रेलमंत्री ने बताई परियोजना की विशेषताएं
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस परियोजना की विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ब्रिज में चार रेलवे ट्रैक और छह लेन का हाईवे होगा। उन्होंने बताया कि इस ब्रिज का निर्माण आने वाले 100 वर्षों की परिवहन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। यह परियोजना न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगी।
पीएम मोदी ने कहा रोजगार और कारोबार...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस परियोजना को लेकर अपने एक्स पोस्ट में जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि काशीवासियों की सुख-सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस रेल-सड़क पुल के निर्माण से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि रोजगार और व्यावसायिक अवसरों का भी निर्माण होगा, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा।
काशीवासियों की सुख-सुविधा के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में गंगा पर एक रेल-सड़क पुल को मंजूरी दी गई है। इससे तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और यहां के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलने के साथ ही रोजगार और कारोबार के नए-नए अवसर भी बनेंगे। https://t.co/Ct2D0W9YBy
— Narendra Modi (@narendramodi) October 16, 2024
पांच राज्यों के बीच स्थापित होगी कनेक्टिविटी
दरअसल, इस ब्रिज का निर्माण 137 साल पुराने मालवीय पुल के 50 मीटर समांतर किया जाएगा, जिससे काशी, चंदौली, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित होगी। यह ब्रिज चारों दिशाओं में परिवहन की गति को बढ़ाने में मदद करेगा और इसे 150 वर्षों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
नदी की सतह से इतने फीट होगा गहरा
ब्रिज के निर्माण के दौरान, इसका फाउंडेशन गंगा नदी की सतह से 120 फीट गहरा होगा, जिसके ऊपर पीलर और फिर खुद ब्रिज बनाया जाएगा। इस इकोनिक स्ट्रक्चर को काशी स्टेशन के दूसरे प्रवेश द्वार के निकट बनाया जाएगा, जिससे यात्रियों को सुविधाजनक आवागमन की सुविधा मिलेगी।
डीजल की भी बचत होगी
गंगा नदी पर बनने वाले इस ब्रिज से यात्रा आसान और बेहतर होगी, जिससे डीजल की बचत भी संभव होगी। सरकार के अनुमान के अनुसार, इस ब्रिज से हर साल लगभग 8 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी, जो लोगों को करीब 638 करोड़ रुपए की बचत में मदद करेगा। केंद्रीय मंत्रालय ने बताया कि इस ब्रिज का डिजाइन और निर्माण तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है।
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