विजयादशमी पर्व पर काशी में शस्त्र पूजन किया जाता है। यह शौर्य का प्रतीक होता है। शनिवार को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम एवं मां अन्नपूर्णा मठ मंदिर में विधिवत शस्त्र पूजन किया गया। इस दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव जी...
वाराणसी में विजयादशमी : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और अन्नपूर्णा मंदिर में शस्त्र पूजन, जानें क्या है परंपरा...
Oct 12, 2024 15:59
Oct 12, 2024 15:59
शस्त्रों के प्रति सम्मान
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में शस्त्र पूजन समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण ने इस समारोह को शास्त्रोक्त विधि से संपन्न किया। विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की थी। शस्त्र पूजन के माध्यम से हम शस्त्रों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं और उन्हें धर्म, सुरक्षा और सद्भावना के लिए उपयोग करने की प्रेरणा लेते हैं। समारोह के दौरान, शस्त्रों की विधिपूर्वक पूजा की गई और उपस्थित जनसमुदाय ने भारत की अखंडता और सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। इस आयोजन ने न केवल सांस्कृतिक धरोहर को सहेजा, बल्कि समाज में एकता और जागरूकता का संदेश भी दिया। इस प्रकार, विजयादशमी का यह पर्व सभी को प्रेरित करता है कि वे अपने जीवन में सच्चाई, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलें।
अन्नपूर्णा मंदिर में शस्त्र और ध्वज पूजा
अन्नपूर्णा मठ मंदिर में विजयदशमी के पर्व पर ध्वज और शस्त्र की पूजा विधि विधान से संपन्न हुई। मंदिर के महंत ने बताया कि सनातन परंपरा में दशहरे का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। बुराई पर अच्छाई की जीत से जुड़े इस पर्व पर भगवान राम की पूजा के साथ विजय पताका और शस्त्र पूजा का विधान है। प्राचीन काल से राजा, महाराजा और साधु संतों द्वारा की जाने वाली शस्त्र पूजा की परंपरा आज तक चली आ रही है। महंत शंकर पुरी ने बताया कि मंदिर में ध्वज और शस्त्र की पूजा कई सदियों पुरानी परंपरा है। विजयादशमी पर्व पर शस्त्र की पूजा करने पर पूरे वर्ष आंतरिक और बाहरी शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का वरदान प्राप्त होता है। यही कारण है कि आम आदमी से लेकर भारतीय सेना तक दशहरे के दिन विशेष रूप से शस्त्रों का पूजन करती है।
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