आगरा पुलिस कमिश्नरी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। यह एक ट्रेनी महिला दरोगा के आरोपों एवं जांच के बाद की गई कार्रवाई से साफ हो गया है। पुलिस कमिश्नरेट की चर्चा आगरा से लेकर लखनऊ और पूरे प्रदेश में...
Agra News : महिला पुलिसकर्मियों को शोषण से बचाने की पहल, कमिश्नर ने जारी की गाइडलाइन...
Jun 25, 2024 16:09
Jun 25, 2024 16:09
महिला दरोगा को घंटों खड़ा रखते हैं एसीपी
पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ की इस पहल के बाद महिला दरोगाओं ने सहायक पुलिस आयुक्त सुकन्या शर्मा के सामने खुलकर अपनी समस्याओं को रखा। इसी दौरान उन्होंने सिटी जाेन में तैनात एक एसीपी के बारे में बताया कि वह रात अपने फ्लैट पर अर्दली रूम (ओआर) में बुलाते हैं। महिला दारोगाओं को घंटों खड़ा रखते हैं। उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं देते हैं। एत्माद्दौला थाने के निलंबित इंस्पेक्टर दुर्गेश कुमार मिश्रा पर आरोप है कि वह प्रशिक्षु महिला दारोगा काे अपने कमरे में सोने के लिए बुलाते थे। शिकायत पर इंस्पेक्टर के अलावा एसएसआई अमित प्रसाद को भी निलंबित किया गया है। पुलिस आयुक्त के निर्देश पर एसीपी सुकन्या शर्मा ने कमिश्नरेट में तैनात महिला दारोगाओं की बैठक बुलाई थी। जिससे उन्हें विशाखा गाइड लाइन की जानकारी दी जा सके।
देर रात अर्दली रूम के लिए बुलाते हैं एसीपी
एत्माद्दौला प्रकरण का उदाहरण देते हुए प्रशिक्षु महिला दारोगाओं से कहा कि यदि कोई वरिष्ठ अधिकारी उन पर दबाव बनाए तो वह इसकी शिकायत अपने जोन के डीसीपी या पुलिस आयुक्त से कर सकती हैं। हमराह में जाने की जरूरत नहीं है। किसी कारणवश जाना पड़े तो एक और महिला पुलिसकर्मी साथ लेकर जाएं। बैठक में महिला दारोगाओं से पूछा गया कि उन्हें किन-किन बातों पर आपत्ति है या समस्या सामने आती हैं। सिटी जोन की दो महिला दरोगा ने अपनी पीड़ा सामने रखी। बताया कि जोन के एक एसीपी देर रात अपने फ्लैट पर अर्दली रूम के लिए बुलाते हैं। अर्दली रूम के लिए अचानक फोन आता है। इस दौरान वह घर पर होती हैं। उन्हें रात में अर्दली रूम के लिए एसीपी के ताजगंज क्षेत्र स्थित आवास तक दौड़ लगानी पड़ती है। एसीपी घंटों रोक कर रखते हैं। इस दौरान उन्हें बैठने के लिए कुसी तक नहीं देते हैं। जिस हाल में बैठक ली जाती है, वहां सिर्फ एक सोफा पड़ा है, जिस पर इंस्पेक्टर बैठ जाते हैं। जबकि यह अर्दली रूम दिन में थाने पर भी हो सकता है।
थानेदार रात 11 बजे बुलाते हैं
ग्रामीण क्षेत्र के एक थाना प्रभारी की शिकायत भी महिला दारोगा ने की है। कहा कि थानाध्यक्ष रात 11 बजे बुलाते हैं। बैठक में सामने आई बातों के बाद पुलिस आयुक्त ने महिला पुलिसकर्मियाें की ड्यूटी के लिए गाइडलाइन जारी की है। पुलिस आयुक्त द्वारा महिला दरोगाओं और पुलिसकर्मियों के लिए जारी की गई गाइडलाइन का हर हाल में अनुपालन करना होगा।
थानों पर इन नियमों का पालन करना होगा
- सूर्यास्त के बाद थानों में विशेष परिस्थिति को छोड़कर किसी भी महिला पुलिसकर्मी की ड्यूटी न लगाई जाए।
- विशेष परिस्थितियों में थाना परिसर से बाहर निवास करने वाली महिला पुलिसकर्मी को ड्यूटी पर बुलाना जरूरी है तो उसे सरकारी वाहन भेजकर ही बुलाया जाए।
- महिला पुलिसकर्मी को थाना प्रभारी या अन्य किसी अधिकारी के हमराह की ड्यूटी में नहीं लगाया जाए।
- ड्यूटी में ले जाना जरूरी है तो कम से कम दो महिला पुलिसकर्मी ले जाएं।
- महिला पुलिसकर्मियों की रात्रि गणना सूर्यास्त से पहले कर ली जाए।
- महिला निरीक्षक-दरोगा का अर्दली रूम दिन के समय थाना कार्यालय या एसीपी कार्यालय में ही किया जाए।
- गर्भावस्था के दौरान पुलिसकर्मी से लाइट ड्यूटी ली जाए, वीआईपी या हमराह ड्यूटी नहीं लगाई जाए।
- जिन महिला पुलिसकर्मियों के दो वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं, उनको ड्यूटी के मध्य एक घंटे का ब्रेक दिया जाए।
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