फैक्टरी न केवल नकली घी तैयार करती थी, बल्कि इसे सात राज्यों के 19 जिलों में सप्लाई भी किया जाता था। पुलिस ने मौके पर करोड़ों रुपये के नकली उत्पाद जब्त किए हैं और मामले में कई गिरफ्तारी भी की हैं।
आगरा में नकली घी का भंडाफोड़ : 7 राज्यों के 19 जिलों में हो रही थी सप्लाई, फैक्टरी मालिकों की तलाश जारी
Jan 04, 2025 13:50
Jan 04, 2025 13:50
प्रतिदिन 50 किलोग्राम से एक कुंतल नकली घी का उत्पादन
फैक्टरी में प्रतिदिन 50 किलोग्राम से लेकर एक कुंतल तक नकली घी तैयार किया जाता था। इस प्रक्रिया में एक्सपायर्ड घी और अन्य मिलावटी सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि फैक्टरी के मैनेजर राजेश भारद्वाज की गिरफ्तारी के बाद यह जानकारी सामने आई है। राजेश के व्हाट्सएप चैट्स से भी सप्लायरों और अन्य सहयोगियों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। पुलिस अब सप्लायरों के साथ-साथ फैक्टरी मालिकों की तलाश में जुटी है।
फैक्टरी में नामी ब्रांड्स के नाम पर बन रहा था नकली घी
मारुति सिटी रोड स्थित मारुति प्रभासम कॉलोनी में राजेश अग्रवाल के प्लॉट पर टिनशेड डालकर यह फैक्टरी संचालित की जा रही थी। यहां अमूल, पतंजलि, कृष्णा सहित 18 नामी ब्रांड्स के नाम से नकली घी तैयार किया जा रहा था। तैयार माल को ब्रांडेड कंपनियों की पैकिंग में सील कर बाजार में बेचा जाता था।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी और भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। शुक्रवार को मैनेजर राजेश भारद्वाज, टेक्नीशियन शिव चरण, भास्कर गौतम, रवि मांझी (ग्वालियर), और धर्मेंद्र सिंह (सागर) को जेल भेज दिया गया। पूछताछ में राजेश ने बताया कि फैक्टरी के मालिक ग्वालियर निवासी पंकज अग्रवाल, नीरज अग्रवाल और बृजेश अग्रवाल हैं। पुलिस ने तीनों को भी मामले में आरोपी बनाया है। बताया गया कि इन मालिकों का मध्य प्रदेश में घी का बड़ा कारोबार है।
फर्जी पंजीकरण के जरिए हो रही थी ब्रांडेड घी की बिक्री
फैक्टरी मालिकों ने “रियल गोल्ड” नाम से देसी घी का पंजीकरण कराया हुआ था। इसी पंजीकरण की आड़ में वे अन्य ब्रांड्स के नाम पर नकली घी बाजार में बेच रहे थे। मालिक स्वयं ही तय करते थे कि माल कहां-कहां भेजा जाएगा।
सात राज्यों और 19 जिलों में हो रही थी सप्लाई
पुलिस की जांच में पता चला है कि नकली घी की सप्लाई उत्तर प्रदेश के मेरठ, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, सीतापुर, फैजाबाद, और गोरखपुर, राजस्थान के उदयपुर और जयपुर, असम के गुवाहाटी, जम्मू-कश्मीर, पंजाब के अमृतसर, हरियाणा के सिरसा और बिहार के पूर्णिया में की जा रही थी। अब पुलिस इन जिलों में माल लेकर जाने वाले सप्लायरों की जानकारी जुटा रही है।
नकली घी बनाने की विधि
फैक्टरी में पाम आयल और अन्य घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर नकली घी तैयार किया जाता था। पुलिस की जांच में सामने आया कि एक्सपायर्ड तेल के डिब्बों को सस्ते दामों में खरीदकर इसका उपयोग किया जा रहा था। तैयार घी की पैकिंग करते समय इसकी ऊपरी सतह पर असली घी की एक पतली परत लगाई जाती थी, ताकि ग्राहकों को यह असली घी लगे। यह नकली घी न केवल आर्थिक धोखाधड़ी है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत हानिकारक है।
मैनेजर की शान-ओ-शौकत ने खोला राज
गिरफ्तार मैनेजर राजेश भारद्वाज ने हाल ही में संपत्ति पर काफी खर्च किया था। वह पहले एक स्कूटर पर चलता था, लेकिन अब उसके पास कार है। उसने अपने घर का नक्शा बदलवाकर लाखों रुपये खर्च किए थे। कोरोना काल में वह सोसाइटी से बाहर चला गया था, लेकिन हाल ही में लौटकर उसने बड़ा बदलाव किया। इन गतिविधियों से उसके अवैध कारोबार का खुलासा हुआ।
पुलिस की कार्रवाई जारी
पुलिस ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के आधार पर अन्य सप्लायरों और सहयोगियों की पहचान की जा रही है। नकली घी की सप्लाई चेन को तोड़ने और सभी दोषियों को पकड़ने के लिए कई टीमें काम कर रही हैं।
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