सहकारिता विभाग में 4 करोड़ 12 लाख के घोटाले को लेकर किसान नेता श्याम सिंह चाहर 29 दिनों से अनशन पर हैं। साथ ही मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय पर 32 दिनों से उनका धरना प्रदर्शन जारी है, जिससे प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा है।
Agra News : सहकारिता विभाग में हुए 4 करोड़ 12 लाख के घोटाले को लेकर किसान नेता श्याम सिंह चाहर बीते 29 दिनों से अनशन पर हैं। वहीं दूसरी तरफ उनका मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय पर 32 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है। शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य श्याम सिंह चाहर से मिलने के लिए जिला अस्पताल में पहुंची। इस दौरान एडीएम सिटी अनूप सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट भी मौजूद रहे। कैबिनेट मंत्री ने किसान नेता श्याम सिंह चाहर का हाल जाना और सहकारिता विभाग में हुए घोटाले की पूरी जानकारी ली। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने किसान नेता श्याम सिंह चाहर से अपना अनशन तोड़ने का भी अनुरोध किया। वहीं श्याम सिंह चाहर ने कहा कि जब तक आरोपियों के खिलाफ एफआईआर और उनकी गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।
सहकारिता विभाग के असिस्टेंट रजिस्ट्रार और ऑडिटर को तलब करेंगी
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने यूपी टाइम्स को बताया कि कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वह सीपी, डीसीपी, डीएम और एडीएम के साथ- साथ सहकारिता विभाग के असिस्टेंट रजिस्ट्रार और ऑडिटर को तलब करेंगी और उनसे इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने का निर्देश देंगी। किसान नेता श्याम सिंह चाहर को अब आभास हो चला है कि अब कैबिनेट मंत्री के आने के बाद उनकी मांग पूरी होगी। श्याम सिंह चाहर ने कहा कि वह 29 दिनों से अनशन पर हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इतनी जहमत नहीं उठाई कि वह इस मामले में कठोर कार्रवाई कर आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज सकें।
किसानों के गोदाम बनाने में 4 करोड़ 12 लाख का खुल्लम-खुल्ला घोटाला
श्याम सिंह चाहर ने गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को लेकर कहा कि यह लोग वाकई में मेरी जान लेना चाहते हैं अन्यथा अब तक आरोपियों के खिलाफ ऐसे गंभीर भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि किसानों के गोदाम बनाए जाने हैं, जिनमें 4 करोड़ 12 लाख का खुल्लम-खुल्ला घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि अब तो जांच में भी स्पष्ट हो गया है कि सहाकारिता विभाग के अधिकारियों ने इसमें खुली लूट की है, बावजूद इसके अभी भी इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है जो कि अधिकारियों की कार्य निष्ठा पर सवालिया निशान खड़ा करता है।
अधिकारियों का गैरजिम्मेदार रवैया
उन्होंने बताया कि मेरा शुगर लेवल डाउन है और मेरा वजन करीब 15 किलो से भी अधिक घट चुका है लेकिन प्रशासन अधिकारियों को मेरी जानकी परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी जान की कोई परवाह नहीं है, अब तो लड़ाई अंतिम श्वास तक लड़ी जाएगी। उधर, कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने श्याम सिंह से मुलाकात करने के बाद यूपी टाइम्स को बताया कि यह अधिकारियों की गैरजिम्मेदार रवैया है कि एक व्यक्ति 29 दिनों से अनशन पर है और अधिकारियों के जू तक नहीं रैग रही। आखिर सहकारिता विभाग में हुए भ्रष्टाचार को लेकर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे? कहीं न कहीं पुलिस और प्रशासन आरोपी को बचाने का प्रयास करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस मामले को लेकर आज या कल मैं अधिकारियों को तलब करूंगी।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस मामले में आरोपी जेल में होने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। अगर, आगरा का पुलिस और प्रशासनिक अमला इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करता है तो मैं इस मामले को मुख्यमंत्री के सामने भी रखूंगी लेकिन आगरा के पुलिस प्रशासन को किसी की जिंदगी के साथ नहीं मिला दूंगी।
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