ताज महल परिसर में देसी विदेशी सैलानियों द्वारा प्रतिबंधित वस्तुओं को ताज परिसर में ले जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ताज की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल एवं अन्य एजेंसियों पर्यटक लगातार चकमा देकर प्रतिबंधित वस्तुओं को ताजमहल ले जा रहे हैं। भाई एस एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों की यह लापरवाही कभी भी घातक सिद्ध हो सकती है। गुरुवार को एक बार फिर यह कारनामा हो गया और मलेशिया महिलाओं द्वारा ताजमहल में खुलेआम अपने देश का झंडा फहराया ही नहीं बल्कि काफी देर तक फोटो शूट भी किया।
ताजमहल की सुरक्षा में सेंध : न किसी ने रोका, न टोका, चलता रहा फोटो शूट, वायरल हुआ वीडियो तो मचा हंगामा
Feb 15, 2024 16:15
Feb 15, 2024 16:15
मलेशियायी महिलाओं का ग्रुप पहुंचा ताज देखने
बताया जा रहा है कि गुरुवार की सुबह लगभग 9 बजे मलेशियाई महिलाओं का एक दल ताज के दीदार के लिए पहुँचा था। इस दल में लगभग 10 महिलाएं शामिल थीं। ताजमहल परिसर के मध्य में पहुंची और बैग से अपने देश का झंडा निकाल कर फोटो शूट करने लगी। यह मलेशियाई महिला दल काफी देर तक ताज परिसर में फोटो शूट कराता रहा और लोग इधर से उधर गुजरते रहे। इस दौरान किसी भी सुरक्षा कर्मी ने उन्हें रोकने टोकने की हिमाकत नहीं की। यही नहीं इस दौरान तमाम गाइड भी मौजूद थे, लेकिन किसी गाइड ने भी उन्हें टोकने की कोशिश नहीं की। जैसे ही मलेशियायी महिलाओं का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पुरातत्व विभाग एवं सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया।
सभी कर्मचारियों से मांगा गया स्पष्टीकरण
इस संबंध में पुरातत्व अधीक्षक राजकुमार पटेल का कहना है कि सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों से यह एक बड़ी चूक हुई है। उन्होंने बताया कि घटना के दौरान किन-किन कर्मचारियों की वहां पर ड्यूटी थी उन सभी कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने बताया कि झंडे का कपड़ा बहुत महीन प्रतीत होता है इसलिए पर्यटक ताज परिसर में उसे अपने पर्स में रखकर ले गए। वहीं ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी का कहना है कि मलेशिया से आई महिलाओं ने बताया कि उनको इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने माफीनाम लिखकर दिया इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
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