फिरोजाबाद जनपद के सीयर देवी मंदिर की ऐतिहासिक मान्यता है। जहां नवरात्रों में माता के भक्तों की भारी भीड़ रहती है। हजारों की तादात में श्रद्धालु रोज यहां माता सीयर देवी के दर्शन करने पहुंचते हैं और मन्नतें मांगते हैं।
नवरात्र में दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु : सीयर देवी मंदिर की है ऐतिहासिक मान्यता, आल्हा, ऊदल और मलखान भी आए थे दर्शन करने
Apr 16, 2024 17:32
Apr 16, 2024 17:32
यमुना किनारे बेहड़ में है माता का मंदिर
बता दें कि तहसील मुख्यालय से 12 किमी दूर कोट कसौंदी गांव में सीयर माता देवी का सैकड़ों वर्ष पुराना मंदिर है। यहां सीयर माता निषाद समाज की कुल देवी मानी जाती हैं। इस मंदिर की स्थापना कोट कसौंदी रियासत के राजा गजराज ने कराई थी। बुंदेलखंड के वीर योद्धा आल्हा ऊदल ने यहां मल विद्या भी सीखी थी। देशभर से निषाद समाज के लोग यहां दर्शन करने आते हैं और नेजा चढ़ाते हैं। यमुना के किनारे बने इस सीयर देवी मंदिर को कोट कसौदी के मंदिर के नाम से लोग जानते हैं। माता के दर्शन करने आने वाले लोग अपनी मन की मुराद मांगते हैं।
कोट कसौंदी में हुआ था युद्ध
बताया जाता है कि कोट कसौंदी के राजा गजराज सिंह से एक बार आल्हा ऊदल और उनके चचेरे भाई मलखान सिंह का भयंकर युद्ध हुआ था। जिसमें गजराज को युद्ध में हार का मुंह देखना पड़ा था। जिसके बाद कोट कसौंदी के राजा गजराज ने अपनी पुत्री गजमोतिन से मलखान सिंह का इसी मंदिर में विवाह किया था। माता का आशिर्वाद लेकर दोनों का विवाह हुआ था। तब से लेकर आजतक इस मंदिर में हजारों श्रद्धालु नवरात्र के अवसर पर माता के दर्शनों को आते हैं और माता पर झंडे-नेजे चढ़ाते हैं । यहां इन दिनों बहुत बड़ा मेला भी लगता है।
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