शाही ईदगाह मस्जिद विवाद : श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने किया हस्तक्षेप, सभी दावेदारों से एकजुट होकर केस लड़ने की अपील

श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने किया हस्तक्षेप, सभी दावेदारों से एकजुट होकर केस लड़ने की अपील
UPT | श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद

Nov 08, 2024 14:52

श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य विनोद कुमार बिंदल ने गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में ट्रस्ट की ओर से किए गए दावे की जानकारी दी। इस दौरान उनके साथ गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी भी मौजूद रहे।

Nov 08, 2024 14:52

Short Highlights
  • श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच विवाद में अब श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने भी अपना पक्ष रखा
  •  ट्रस्ट ने कहा कि कार्रवाई लंबी और जटिल होने से मुस्लिम पक्ष को मामले को कमजोर करने का मौका मिल सकता है।
  • एकजुट होकर इस धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के विवाद को सुलझाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।
Mathura News : मथुरा में भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच लंबे समय से चले आ रहे जमीन विवाद में अब श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने भी अपना पक्ष प्रस्तुत कर दिया है। इस मामले में जहां पहले केवल भक्त और अन्य धार्मिक संगठन शामिल थे, वहीं अब श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने खुद को भी एक पक्षकार के रूप में शामिल करते हुए इस मुद्दे को सुलझाने की पहल की है। ट्रस्ट ने भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि पर दावा ठोकते हुए सभी अन्य वादियों से अपील की है कि वे कानूनी लड़ाई में एकजुट होकर साथ आएं और विवाद को समाप्त करने में सहयोग करें।



प्रेस वार्ता में ट्रस्ट का रुख
श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य विनोद कुमार बिंदल ने गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में ट्रस्ट की ओर से किए गए दावे की जानकारी दी। इस दौरान उनके साथ गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी भी मौजूद रहे। बिंदल ने कहा कि अब हमने अपनी ओर से भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि के लिए विधिवत रूप से केस दर्ज कर दिया है और इसे कोर्ट द्वारा संज्ञान में लिया गया है। इस स्थिति में अब इस विवाद के लिए ट्रस्ट का दावा ही पर्याप्त है और अन्य सभी 17 केस जो पहले से दर्ज हैं, उनकी आवश्यकता नहीं रह जाती। इस कारण श्री कृष्ण जन्मभूमि पर अधिकार का दावा करने वाले भक्तों या अन्य वादियों को अपने मुकदमे वापस लेने की आवश्यकता है।

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एकजुट होकर लड़ने की अपील
ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने विशेष जोर देते हुए कहा कि उन्होंने गहन अध्ययन और विधिक परामर्श के बाद ही यह वाद दायर किया है। उनका मानना है कि अन्य सभी वादियों को अपनी याचिकाएं वापस लेकर ट्रस्ट के साथ एकजुट होना चाहिए। बिंदल ने स्पष्ट किया कि विधिक दृष्टि से वे ही इस मामले में वास्तविक वादी हैं क्योंकि विवादित भूमि के सभी दस्तावेजों में ट्रस्ट का ही स्वामित्व दर्ज है।

अनावश्यक मुकदमों से बचने की जरूरत
श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने यह भी कहा कि विभिन्न मुकदमों के चलते अदालती कार्रवाई लंबी और जटिल हो रही है, जिससे मुस्लिम पक्ष को मामले को कमजोर करने का मौका मिल सकता है। ट्रस्ट के अनुसार, विवादित शाही ईदगाह का हटना और कृष्ण जन्मभूमि पर अधिकार प्राप्त करना ट्रस्ट का अधिकार है और अन्य वादियों के अलग-अलग मुकदमों से कानूनी प्रक्रिया में अनावश्यक देरी हो रही है। बिंदल ने अन्य वादियों से कहा कि हम चाहते हैं कि सभी भक्त और अन्य वादी हमारे साथ मिलकर एकजुट होकर इस कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाएं। उनका अलग-अलग मुकदमे लड़ना न केवल अनावश्यक है, बल्कि इससे कोर्ट में मामले की स्थिति भी कमजोर हो सकती है। हमारा दावा ही सबसे प्रबल और मजबूत है क्योंकि हमारे पास सारे कागजात और अधिकार हैं जो साबित करते हैं कि ईदगाह की जमीन भी श्री कृष्ण जन्मभूमि की है।

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मिलकर आगे बढ़ें
जन्मभूमि के ट्रस्टी ने इस बात पर भी बल दिया कि सभी पक्षों को एकजुट होकर इस धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के विवाद को सुलझाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। उनका मानना है कि बिखरे हुए प्रयासों की बजाय एक संगठित विधिक लड़ाई अधिक प्रभावी होगी। ट्रस्ट ने सभी संबंधित पक्षों से अपील की है कि वे राष्ट्रीय महत्व के इस विषय पर एकजुट होकर कार्य करें।

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