सपा नेता अर्चना पांडे ने क्षेत्र का दौरा कर ब्राह्मण वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयास किया। उन्होंने भाजपा सरकार पर ब्राह्मण समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
सपा नेता अर्चना पांडेय का बड़ा बयान : भाजपा सरकार पर लगाया आरोप, कहा- ब्राह्मणों के साथ हो रहा भेदभाव
Nov 08, 2024 13:08
Nov 08, 2024 13:08
- सपा नेता अर्चना पांडे ने क्षेत्र का दौरा कर ब्राह्मण वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयास किया
- उन्होंने भाजपा सरकार पर ब्राह्मण समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
- मौजूदा शासनकाल में ब्राह्मणों को परेशान किया जा रहा है।
अर्चना पांडे ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
अर्चना पांडे ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा शासनकाल में ब्राह्मणों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने सरकार पर ब्राह्मणों के साथ भेदभाव और अत्याचार करने का आरोप लगाया और कहा कि विकास के नाम पर इस सरकार ने जनता को केवल छलावा दिया है। अर्चना पांडे का दावा है कि वर्तमान में ब्राह्मणों का समर्थन सपा को मिल रहा है और लगभग 36 जातियों का समर्थन उनकी पार्टी के साथ है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार चारु कैन इस चुनाव में एकतरफा जीत की ओर अग्रसर हैं। पांडे का विश्वास है कि खैर विधानसभा उपचुनाव के साथ ही सपा का शासन में आने का रास्ता साफ हो जाएगा और कुल 9 विधानसभा सीटों पर पार्टी की बड़ी जीत होगी।
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जातीय समीकरण ब्राह्मण वोटरों का महत्व
खैर विधानसभा में जातीय समीकरण को देखते हुए ब्राह्मण वोटरों का खासा महत्व है। इस क्षेत्र में सबसे बड़े वोट बैंक के रूप में जाट समुदाय की संख्या लगभग 1.15 लाख है। इसके बाद ब्राह्मण वोटरों की संख्या भी प्रभावशाली है, जो लगभग 70 हजार से अधिक है। इसके अलावा अनुसूचित जाति (एससी) के वोटरों की संख्या 1.5 लाख से अधिक है। अन्य प्रमुख समुदायों में वैश्य वोटर 35 हजार से अधिक और मुस्लिम वोटर 30 हजार के करीब हैं।
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ब्राह्मण वोटरों पर सपा की विशेष नजर
लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण वोटरों ने भाजपा को समर्थन तो दिया, लेकिन उनमें आक्रोश भी नजर आया। इस तथ्य का फायदा उठाने के लिए सपा ने विशेष रणनीति बनाई है और ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिश की जा रही है। सपा ने ब्राह्मण वोटरों को लुभाने के लिए अपनी ओर से गुड्डू पंडित की पत्नी और सपा महिला सभा की राष्ट्रीय महासचिव को खैर विधानसभा भेजा है। सपा की यह कोशिश है कि ब्राह्मण वोटरों का आक्रोश भाजपा से हटाकर अपने पक्ष में किया जा सके।
सपा की उम्मीद और भाजपा के लिए चुनौती
वर्तमान में सपा की रणनीति खैर उपचुनाव में भाजपा के लिए चुनौती बन गई है। सपा के नेताओं का मानना है कि यदि वह ब्राह्मण वोटरों को भाजपा से दूर करके अपने पक्ष में करने में सफल होती है, तो यह भाजपा के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकता है। अर्चना पांडे के अनुसार, ब्राह्मण समुदाय को सपा में अधिक सम्मान और सुरक्षा महसूस हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले चुनाव में सपा का प्रभाव व्यापक होगा और यह पार्टी के पक्ष में एक निर्णायक स्थिति बना सकता है।
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