ब्रज की अधिष्ठात्री देवी और श्रीकृष्ण की आल्हादिनी शक्ति वृषभानुसुता श्री राधिका रानी के जन्म के अवसर पर उनकी एक झलक...
Mathura News : बृषभानु नंदनी की जन्म के साक्षी बने लाखों श्रद्धालु, जयकारों से गुंज उठा मंदिर प्रांगण
Sep 11, 2024 19:25
Sep 11, 2024 19:25
हर कोई राधा कृष्ण की भक्ति में डूबा दिखा
कस्बे के बाहर तीन किमी दूर बनी पार्किंगों में अपने वाहन छोड़ पैदल पहुंचे श्रद्धालुओं की चाहत और आस्था देखते ही बन रही थी। अपनी लाड़ो के जन्म का उत्सव मनाने को हर कोई आतुर दिखाई पड़ रहा था। श्रीकृष्ण की प्रियतमा राधिका के जन्म आगमन पर चारों तरफ बस राधा रानी के भक्त ही भक्त नज़र आ रहे थे। हर कोई राधा कृष्ण की भक्ति में डूबा नज़र आ रहा था। गहवरवन की लताओं पताओं से होकर परिक्रमा करते भक्त द्वापरकालीन लीलाओं में भाव विभोर नजर आए। परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले हर मंदिर के दर्शन करते हुए भक्तजन राधे राधे जप रहे थे।
मूल नक्षत्र में हुआ था राधाजी का जन्म
रात्रि में मंदिर में जुगल जोड़ी सरकार के शयन के बाद पूरे कस्बे में भजन संध्याओं में राधे-राधे के स्वर गूंजने लगे। अभिषेक के समय तक श्रद्धालु राधे की मस्ती में मदमस्त होकर झूमते नाचते रहे। मन्दिर पर सेवायतों द्वारा दूध, दही, शहद, घी, केसर, गुलाब जल, गोघृत आदि का पंचामृत बना कर अभिषेक कराया गया। इस अवसर पर राधाजी का जन्म मूल नक्षत्र में हुआ था, इसलिए 27 कुओं के जल, 27 पेड़ों की पत्ती, 27 स्थान की मिट्टी, औषधियों के साथ परंपरागत मंत्रोच्चार के मध्य सेवायत गोस्वामीजनों के द्वारा रात्रि दो बजे से चार बजे तक मूल शांति कराई गई। मूल शांति की विधि के बाद लाड़लीजी के अभिषेक की विधि शुरू हुई। अभिषेक में दूध, दही, शहद, केशर, पांच मेवा, गौघृत, बुरा का प्रयोग किया गया । हर कोई अपने आराध्य के जन्म के दर्शन के लिए आतुर दिखाई दिया। अभिषेक के बाद राधा रानी पीले रंग की जड़ित पोषक धारण की। कस्बे के गोपाल जी मन्दिर, रस मन्दिर, मान मन्दिर, रंगीली महल, दानगढ़, कुशल बिहारी मन्दिर, अष्टसंखी मन्दिर, श्याम श्याम मन्दिर, महीभान मन्दिर, बृषभान मन्दिर, राम मन्दिर और राधा श्याम सुंदर मंदिर आदि मन्दिरों में राधा रानी का जन्मोत्सव बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया।
Also Read
19 Sep 2024 12:53 AM
मथुरा में बुधवार रात एक बड़ा रेल हादसा हुआ जब मथुरा से दिल्ली की ओर जा रही मालगाड़ी के 27 डिब्बे पटरी से उतर गए। यह घटना मथुरा के पिलर संख्या 1408/14 के पास हुई, जिसमें मालगाड़ी के कुल 59 डिब्बों में से 27 डिब्बे डिरेल हो गए। और पढ़ें