बृज में होने वाले 40 दिन के होली उत्सव के दौरान मंगलवार को बृज के राजा बलदाऊ की नगरी बलदेव में हुरंगे का आयोजन किया गया। बृज में वैसे तो इस पूरे होली उत्सव के दौरान राधा-कृष्ण की होली की ही धूम रहती है...
मथुरा में कपड़ा फाड़ हुरंगा : बलदाऊ की नगरी बलदेव में किया आयोजन, देवर-भाभी की है यह स्पेशल होली
Mar 26, 2024 17:23
Mar 26, 2024 17:23
- मथुरा में कपड़ा फाड़ होली का किया आयोजन
- देवर-भाभी ने खेली जमकर होली
- बलदेव के मुख्य दाऊजी मंदिर प्रांगण में खेली कोड़ा मार होली
राजा बलदाऊ की नगरी में होली
बृज में होने वाले 40 दिन के होली उत्सव के दौरान मंगलवार को बृज के राजा बलदाऊ की नगरी बलदेव में हुरंगे का आयोजन किया गया। बृज में वैसे तो इस पूरे होली उत्सव के दौरान राधा-कृष्ण की होली की ही धूम रहती है। लेकिन कपड़ा फाड़ होली का अपना एक अलग मजा है। यह केवल देवर-भाभी की होली है। उनके प्यार का प्रतीक है।
देवर-भाभी की होती है यह होलीमथुरा: होली के बाद कपड़ा फाड़ हुरंगा। दाऊजी मंदिर के प्रांगण में हुआ हुरंगे का आयोजन। बड़े उत्साह के साथ महिला पुरुषों ने खेली होली।#Mathura #UttarPradesh #UttarPradeshTimes #Holi #HoliCelebration #Holi2024Special #HoliFestival #HOLIHAI #HoliSpecial #Dauji #Huranga pic.twitter.com/eT9Y2Ag2wZ
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) March 26, 2024
कपड़ा फाड़ होली की खास बात यह है कि यहां बलदाऊ की नगरी होने की वजह से देवर-भाभी की होली खेली जाती है। मंदिर प्रांगण में खेली जाने वाली इस होली को हुरंगा कहा जाता है। इस होली की परम्परा रही है कि इसमें महिलाऐं और पुरुष ही शामिल होते हैं। सबसे पहले मंदिर प्रांगण में इकठ्ठा हुई हुरियारिन भाभी और हुरियारे देवर बल्दाऊ के मुख्य भवन की परिक्रमा करते है और जैसे ही मंदिर के मुख्य भवन के अन्दर से ऊंची केसरिया झंडी बाहर प्रांगण में आती है, तो यहां मौजूद हुरियारिन अपने हुरियारे देवरों के कपडे फाड़ना शुरू कर देती हैं। इसके बाद इन कपड़ों को टेसू के फूलों से बने रंगों में भिगोया जाता है और फिर भाभी इसे कोड़ा बनाकर देवर को मारती हैं।
भाव-विभोर हो जाते हैं पर्यटक
देवर कोड़ों से अपना बचाव करने के लिए बाल्टी में रंग भरकर भाभी के ऊपर डालते है। हुरंगे के दौरान हुरियारे इतने उत्साहित हो जाते है कि वह कभी अपने साथियों को कंधे पर बिठा लेते है और कभी उने गिरा देते हैं। इस दौरान लगातार कपड़े के बनाये हुए कोड़े से हुरियारिन इन ग्वालों पर वार करती रहती हैं। इसे देखकर यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक भाव-विभोर हुए बिना नहीं रह पाते। बरसाना और नन्दगांव की ही तरह यहां के हुरंगे में भी हुरियारिन हुरियारों पर हावी रहती हैं और हर्ष-उल्लास के साथ इसका मजा लिया जाता है।
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