उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की है, जिसमें मांग की गई है कि कोर्ट के उस आदेश पर पुनर्विचार किया जाए, जिसमें मंदिर के फंड से कॉरिडोर निर्माण की अनुमति नहीं दी गई थी।
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर : हाईकोर्ट में दाखिल की रिव्यू पिटीशन, 5 अगस्त को सुनवाई
Jul 27, 2024 16:14
Jul 27, 2024 16:14
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हाईकोर्ट में दाखिल की रिव्यू पिटीशन
रिव्यू पिटीशन के तहत, अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से अपील की है कि 20 नवंबर 2023 को दिए गए आदेश की समीक्षा की जाए। कोर्ट ने पहले आदेश दिया था कि कॉरिडोर निर्माण के लिए मंदिर फंड का इस्तेमाल न किया जाए और इसे सरकार के खर्च पर किया जाए। रिव्यू पिटीशन में कहा गया है कि अगर सरकार खुद खर्च करेगी, तो उस पर उसका मालिकाना हक होगा, जो सरकार के लिए अनुकूल नहीं होगा। इसलिए, कॉरिडोर का निर्माण मंदिर फंड से ही होना चाहिए ताकि इसे मंदिर में शामिल किया जा सके और मंदिर प्रबंधन द्वारा संचालित किया जा सके।
5 अगस्त को होगी सुनवाई
इस मामले में हाल ही में हाईकोर्ट में सुनवाई भी हो चुकी है। अब इस पर अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी। इससे पहले, गोसाई समाज के पक्षकारों ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दाखिल की थी, जिसे 30 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
मंदिर का चढ़ावा बांके बिहारी का है : अटॉर्नी जनरल
गोसाई समाज के प्रमुख अशोक गोस्वामी ने बताया कि अटॉर्नी जनरल ने हाईकोर्ट में दावा किया है कि बांके बिहारी मंदिर का ट्रस्ट बनाया जाए और सरकार मंदिर की सेवा, पूजा और संचालन की व्यवस्था अपने कब्जे में ले। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया है। गोस्वामी का कहना है कि मंदिर का चढ़ावा बांके बिहारी का है और इसका उपयोग केवल उनकी सेवा में ही किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ठाकुर बांके बिहारी महाराज गोस्वामी समाज के पूर्वज स्वामी हरिदास की संपत्ति हैं और सेवा-पूजा गोस्वामी समाज का जन्मसिद्ध अधिकार है।
5.65 एकड़ अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता
हाईकोर्ट के 20 नवंबर 2023 के आदेश के बाद भी सरकार ने कॉरिडोर निर्माण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। सरकार हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है। इसके अलावा, प्रशासन के सामने भी कई चुनौतियां हैं। कॉरिडोर के लिए 5.65 एकड़ जमीन का अधिग्रहण प्रस्तावित है, लेकिन वर्तमान स्थिति में लोगों को समझाना और प्रशासन को आवश्यक कदम उठाना चुनौतीपूर्ण है। इसके अलावा, सरकार से 300 करोड़ रुपये जमीन खरीदने और 600 करोड़ रुपये कॉरिडोर निर्माण के लिए मंजूरी प्राप्त करना भी एक बड़ी चुनौती है। वर्तमान बांके बिहारी मंदिर लगभग तीन एकड़ में स्थित है और इसके लिए 5.65 एकड़ अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता है, जिस पर लगभग 300 निर्माण कार्य हैं।
प्रस्तावित कॉरिडोर के क्षेत्रों की जानकारी
ऊपरी क्षेत्र
- कुल क्षेत्रफल: 5.65 एकड़
- ऊपरी क्षेत्र: 10600 वर्ग मीटर
- प्रतीक्षालय: 1800 वर्ग मीटर
- गलियारा: 800 वर्ग मीटर
- परिक्रमा क्षेत्र: 900 वर्ग मीटर
- खुला क्षेत्र: 650 वर्ग मीटर
- सामान घर: 100 वर्ग मीटर
- शिशु देखभाल गृह: 30 वर्ग मीटर
- चिकित्सा सेवा: 80 वर्ग मीटर
- वीआईपी प्रतीक्षालय: 250 वर्ग मीटर
निचला क्षेत्र
- निचला क्षेत्र: 11300 वर्ग मीटर
- खुला क्षेत्र: 518 वर्ग मीटर
- क्षेत्र प्रतीक्षालय: 3500 वर्ग मीटर
- जूता घर: 250 वर्ग मीटर
- सामान घर: 100 वर्ग मीटर
- शिशु देखभाल गृह: 30 वर्ग मीटर
- चिकित्सा सेवा: 90 वर्ग मीटर
- वीआईपी प्रतीक्षालय: 80 वर्ग मीटर
- पूजा सामग्री दुकान: 800 वर्ग मीटर
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