Mathura News : अद्भुत श्रृंगार के साथ स्वर्ण रजत हिंडोले में विराजमान हुए ठाकुरजी, दर्शनों को उमड़ी भीड़

अद्भुत श्रृंगार के साथ स्वर्ण रजत हिंडोले में विराजमान हुए ठाकुरजी, दर्शनों को उमड़ी भीड़
UPT | स्‍वर्ण-रजत हिंडोले में विराजमान ठाकुरजी।

Aug 07, 2024 11:01

हरियाली तीज के पावन मौके पर वृंदावन की कुंज गलियों में आस्‍था का सैलाब उमड़ पड़ा। ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन स्‍वर्ण-रजत हिंडोले में करने को हर आंख आतुर नजर आई। बुधवार की सुबह हरियाली तीज...

Aug 07, 2024 11:01

Mathura News : हरियाली तीज के पावन मौके पर वृंदावन की कुंज गलियों में आस्‍था का सैलाब उमड़ पड़ा। ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन स्‍वर्ण-रजत हिंडोले में करने को हर आंख आतुर नजर आई। बुधवार की सुबह हरियाली तीज के अवसर पर बिहारी जी के मंदिर में जब भगवान के अदभुत दर्शन हुए तो अलौकिक दृश्‍य नजर आया।

अद्भुत, आकर्षक स्वर्ण-रजत हिंडोला 
दूधिया रोशनी के बीच स्वर्ण-रजत हिंडोले में विराजमान ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज के अलभ्य दर्शन, सजल मेघ कांति लिए चमकते नुकीले नयन। हृदय को चीर देने वाले इन नयनों में गहराई और चमक ऐसी कि सागर भी समा जाए और आकाश भी। जो सामने आया, इनका हो गया, इनमें डूब गया। हरे रंग की चांदी के बूटों से जड़ित पोशाक धारण कर विलक्षण श्रृंगार, कसी हुई हरियाली पाग मोतियों से जड़ी, ऊपर टिपारा, सिरपेच, तुर्रा और कलंगी, सब कुछ अद्भुत।

वातावरण में गूंज रही सावन की मल्हार
भक्तों ने भी प्रेम और आस्था के इस समंदर में ठाकुरजी को झोंटे देकर जमकर झुलाया। हरियाली तीज की भोर से ही श्रद्धालुओं के कदम बांके बिहारी मंदिर की ओर बढ़ रहे थे। भक्तों को राहत देने वाला मौसम और आराध्य की एक झलक पाने की लालसा भक्तों को मंदिर की ओर ले जा रही थी। मंदिर के अंदर और बाजार का इलाका पूरी तरह भक्तों की संख्या से गुलजार था। बांके बिहारी के जयकारे और सावन की मल्हार सुबह से ही तीर्थनगरी के वातावरण में गूंज रही है।

वर्ष में एक बार दर्शन देते हैं ठाकुरजी
मंदिर के सेवायतों ने कहा कि जन-जन के आराध्य ठाकुर बांके बिहारी लाल वर्ष में सिर्फ एक बार ही हरियाली तीज के पावन मौके पर स्वर्ण-रजत से निर्मित हिंडोले में बैठकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। आज का यह दृश्य बड़ा ही मनभावन होता है। उन्होंने बताया कि आज ठाकुर जी के लिए सुख शय्या भी तैयार की गई है। झूला झूलकर राधा रानी और ठाकुर बांके बिहारी लाल थक जाते हैं। उसके बाद वह सुख शैय्या पर विराजमान होकर विश्राम करते हैं। झूला झूलते समय राधा रानी का श्रृंगार बिगड़ जाता है, जिसके लिए मुख्य रूप से शीशे लगाए गए हैं, जिससे कि राधा रानी अपना श्रृंगार सही कर सकें। स्वर्ण रजत निर्मित हिंडोला देश के आजादी के समय ठाकुर बांके बिहारी लाल के लिए बनाया गया था। इससे पहले ठाकुर जी को लकड़ी और फूल पत्तियों से निर्मित झूले में झूला झुलाया जाता था, लेकिन आजादी के बाद बेनीवाल परिवार की ओर से ठाकुर बांके बिहारी लाल के लिए स्वर्ण रजत हिंडोला बनाया गया, जिसमें ठाकुर बांके बिहारी लाल हर वर्ष झूला झूलते हुए अपने भक्तों को दर्शन देते हैं

मन्दिर की व्यवस्थाएं हुई धड़ाम
अपने आराध्य के दर्शन पाने के लिये श्रद्धालुओं का सैलाब मन्दिर में उमड़ पड़ा। प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्थाएं कई बार धड़ाम होती नजर आईं। बिहारीजी मन्दिर को जोड़ने वाली गलियों का हाल बेहाल रहा। समूचे वृन्दावन में यातायात व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिये अतरिक्त फ़ोर्स लगाया गया। वृन्दावन के चारों ओर जाम जैसे हालात बने रहे।

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