भारत एक बार फिर हॉकी के स्वर्णिम युग की तरफ बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में हॉकी ही नहीं, अन्य खेलों में भी खिलाड़ी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। यूपी में बढ़ते खेल माहौल का मुख्य कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। यह कहना है भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और ओलंपियन जगबीर सिंह का।
बोले ओलंपियन जगबीर सिंह : समय के साथ हॉकी बदल रही, भारत के खिलाड़ियों को भी इसी गति के साथ आगे बढ़ना होगा
Jan 13, 2024 16:43
Jan 13, 2024 16:43
- आज भारत ही नहीं पूरी दुनिया में हॉकी का स्वरूप तेजी के साथ बदल रहा
- 5 ए साइड में भी भारतीय खिलाड़ियों का उज्जवल भविष्य
- 5 ए साइड के ग्राउंड भारत में सिर्फ आगरा, कानपुर और बेंगलुरु में
अभी बहुत कुछ सीखना बाकी
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और ओलंपियन जगबीर सिंह ने कहा कि समय के साथ हॉकी भी बदल रही है, इसमें भी बहुत तेजी देखने को मिल रही है। भारत के खिलाड़ियों को भी इसी गति के साथ आगे बढ़ना होगा, आज भारत के खिलाड़ी 5 ए साइड हॉकी के साथ आगे बढ़ रहे हैं लेकिन अभी उनको बहुत कुछ सीखना बाक़ी है। फाइव ए साइड का ओमान में विश्व कप टूर्नामेंट होना है। उसको लेकर भारतीय टीम लगातार काम कर रही है।
आगरा में सबसे पहले 5 A साइड का टर्फ लगा
पूर्व कप्तान जगबीर ने कहा कि पारंपरिक खेल 11 ए साइट हॉकी पर 5 ए साइड का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत में 5 ए साइड के ग्राउंड अभी इतने अधिक नहीं हैं। देश में आगरा, कानपुर और बेंगलुरु में ही 5 साइड का ग्राउंड है। उन्होंने बताया कि इस खेल में 09 खिलाड़ी होते हैं, जिनमें से 05 खिलाड़ी ग्राउंड में खेलते हैं, इसमें दो रेफरी होते हैं और ग्राउंड चौकोर होता है। ग्राउंड के चारों ओर फट्टे लगे होते हैं जिससे बॉल बाहर न जा सके। यह खेल महिला और पुरुष दोनों वर्गो में तेजी के साथ आगे बढ़ रहा। आगरा में सबसे पहले 5 A साइड का टर्फ लगा, इसलिए यहां पर यूथ कॉमन वेल्थ गेम्स का कैंप भी दिया गया। इस खेल में स्पीड और स्ट्रेंथ एक्यूरेसी बहुत मायने रखता है। इस खेल को खिलाड़ी जितनी जल्दी अडॉप्ट करेंगे उतना ही अच्छा भारत के लिए रहेगा,क्योंकि हमारे देश में इंडोर हॉकी नहीं है। यूरोपियन खिलाड़ी इसे जल्दी अडॉप्ट कर रहे हैं क्योंकि वह इंडोर हॉकी बहुत खेलते हैं।
यूपी के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहे
आगरा और उत्तर प्रदेश के अंदर 5 ए साइड हॉकी को लेकर टैलेंट मौजूद है। यूपी के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर आप अपनी स्किल डेवलप कर लेते हैं तो 5 ए हॉकी के लिए आपको अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ेगा। 5 ए साइड से प्रचलित 11 ए साइड पर कोई प्रभाव नहीं पढ़ने जा रहा, दोनों ही खेलों की शैली अलग है। भारत में हर जगह 5 ए और 11 ए साइड के हॉकी ग्राउंड नहीं हैं। जिस स्कूल, कॉलेज या शहर में जिस तरह के ग्राउंड है उन्हें उसी तरह की हॉकी खेलनी चाहिए। इसी में देश का और खिलाड़ियों का हित है। इस को हम जितना जल्दी समझ लें, उतना बेहतर होगा। आगरा में 11 ए साइड का ग्राउंड मौजूद नहीं है, इसलिए खिलाड़ियों को चाहिए की 5 ए साइड पर फोकस करें और इस पर मेहनत करें।
5 ए साइड में भविष्य की बात
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और ओलंपियन जगबीर सिंह ने कहा कि 20-20 की ही तरह तेज है 5 ए साइड हॉकी। 11 ए और 5 ए साइड हॉकी में तकनीकी भिन्न नहीं हैं, लेकिन रूल एंड रेगुलेशन अलग हैं। किसी भी नई शुरुआत के लिए आप को उसकी अच्छाइयों को पकड़ना और उसी को आपको एडवांटेज के रूप में लेकर आगे बढ़ना होगा। 5 ए साइड में भविष्य की बात है।
भारतीय हॉकी में लगातार बदलाव
पूर्व ओलंपियन ने कहा कि हमने 60/ 70/80 के दशक में जीत के बाद अफर्ट्स नहीं किए, जो जीतने के बाद करने चाहिए थे। इतने स्वर्ण पदक किसी भी टीम के लिए दिवास्वप्न से कम नहीं हैं, हमें अपने पदकों का फक्र भी है। भारत में 2010 से पूर्व एडमिनिस्ट्रेटिव सही नहीं था, यही कारण है कि भारत की हॉकी अधिक उत्थान नहीं कर सकी। 2010 के बाद भारतीय हॉकी में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है... आज पुरुष हॉकी ही नहीं बल्कि महिला हॉकी भी लगातार वैश्विक पटल पर अपना दबदबा बना रही है।
भारतीय हॉकी स्वर्णिम दौर में लौटेगी
पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान जगबीर ने कहा कि हमने एशियन चैंपियनशिप जीती /एशियन गेम्स जीते / कॉमनवेल्थ गेम्स के अंदर हम पदक जीत रहे हैं, 2010 में हॉकी इंडिया बनने के बाद लगातार भारत की हॉकी बदल ही नहीं रही बल्कि आगे बढ़ रही है। हां, पिछले टोक्यो ओलंपिक में हमने 40 साल बाद कोई पदक जीता है, हमने ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता। उन्होंने कहा कि भारत ही एक ऐसी टीम है जिन्होंने महिला और पुरुष वर्ग में सभी तरह की चैंपियनशिप जीती हैं, आज तक यह कारनामा कोई भी देश नहीं कर पाया। पिछले 8-10 वर्षों में जो हॉकी पर काम हुआ है, वही अब आगे का रास्ता दिखाएगा। पूर्व कप्तान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारतीय हॉकी अपने पुराने स्वर्णिम दौर में लौटेगी।
कई सालों बाद भारत टॉप थ्री रैंकिंग में आया
उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी देश आज यह नहीं कह सकता कि वह स्वर्ण पदक अर्जित करेंगे। चाहे वह ऑस्ट्रेलिया हो, बेल्जियम, जर्मनी, नींदरलैंड या फिर इंडिया। उन्होंने कहा कि मुद्दा और मकसद सिर्फ यही होना चाहिए कि हम सिर्फ पदक जीतें। उन्होंने कहा कि अगर हम टॉप 04 में हैं तो कभी भी अच्छा रिजल्ट आ सकता है। जगबीर सिंह ने कहा कई सालों बाद भारत टॉप थ्री रैंकिंग में आया है, पुरुष टीम ही नहीं बल्कि महिला टीम भी टॉप 10 के अंदर है।
यूपी के बाद उड़ीसा बेहतर प्रदर्शन कर रहा
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उड़ीसा एक ऐसा राज्य है, जो सभी स्तरों पर बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। सब जूनियर, जूनियर नेशनल सभी वर्गों में उड़ीसा अपना उत्कर्ष प्रदर्शन कर रहा है। उड़ीसा में खेल का माहौल है। उड़ीसा हॉकी हब बन चुका है। उन्होंने कहा कि 81- 82 के दौर में कभी ऐसा भी समय था, जब भारतीय टीम में 11 के 11 खिलाड़ी उत्तर प्रदेश से हुआ करते थे, आज अगर 5 से 6 खिलाड़ी खेल रहे हैं तो यह गौरव की बात है। कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश लगातार बेहतर प्रदर्शन करता दिखाई दे रहा है,यह हॉकी ही नहीं बल्कि देश के सभी खेलों में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से खिलाड़ी और खेल आगे बढ़ रहा है, उसके लिए कहीं न कहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और निदेशक आरपी सिंह जिम्मेदार हैं।
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