Agra News : रेलवे यूनियन के चुनावों का बिगुल बजा, 4-5 दिसंबर को वोटिंग, 12 को परिणाम...

रेलवे यूनियन के चुनावों का बिगुल बजा, 4-5 दिसंबर को वोटिंग, 12 को परिणाम...
UPT | रेलवे यूनियन के चुनावों का बिगुल बजा।

Oct 07, 2024 16:29

देश में लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय, पंचायत चुनाव हर पांच साल में होते हैं। इसी तरह राज्य एवं केंद्रीय कर्मचारियों की तमाम यूनियनों के चुनाव भी होते हैं। ये सभी यूनियन अपने कर्मचारियों की मूलभूत समस्याओं...

Oct 07, 2024 16:29

Short Highlights
  • रेलवे में 2013 के बाद नहीं हुए थे यूनियन के चुनाव। 
  • यूनियन के चुनाव के ऐलान के बाद कर्मचारियों में उत्साह। 
Agra News : देश में लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय, पंचायत चुनाव हर पांच साल में होते हैं। इसी तरह राज्य एवं केंद्रीय कर्मचारियों की तमाम यूनियनों के चुनाव भी होते हैं। ये सभी यूनियन अपने कर्मचारियों की मूलभूत समस्याओं के निराकरण करने का दावा करती हैं। इसी क्रम में रेलवे बोर्ड द्वारा पिछले 11 वर्षों से रेलवे यूनियन के चुनाव लंबित चल रहे थे, रेलवे बोर्ड द्वारा यूनियन के चुनावों का रास्ता साफ कर दिया गया है। यूनियन के नामांकन की प्रक्रिया एक अक्टूबर से शुरू हो गई है, यह 25 अक्टूबर तक चलेगी। रेलवे की सभी यूनियनों ने चुनाव के लिए अपनी कमर कस ली है। 

2013 के बाद नहीं हुए हैं चुनाव
रेलवे बोर्ड द्वारा यूनियन के चुनाव का रास्ता साफ होने के बाद प्रत्येक जोन में यूनियन की मान्यता के लिए कसरत शुरू कर दी गई है। रेलवे यूनियन के ये चुनाव तीसरी बार आयोजित किए जा रहे हैं। पहली बार रेलवे में यूनियन का चुनाव 2007 में हुआ था, जिसमें रेलवे बोर्ड ने एकमात्र यूनियन एससीआरएमयू को मान्यता दी थी। जबकि 2013 में हुए चुनाव में एनसीआरएमयू और एनसीआरईएस को मान्यता दी गई थी। 2013 के बाद रेलवे बोर्ड ने चुनाव नहीं कराए। इनका चुनाव हर 5 साल में किया जाता है, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते रेलवे बोर्ड ने यह चुनाव नहीं कराए थे।

9600 कर्मचारी करेंगे वोटिंग
एससीआरएमयू के मंडल मंत्री सुकेश यादव ने उत्तर प्रदेश टाइम्स से बताया कि 2013 के बाद अब मान्यता के लिए रेलवे बोर्ड चुनाव करा रहा है। इस समय देश में एनसीआरएमयू और एनसीआरईएस को मान्यता है। सुकेश यादव ने बताया कि आगरा रेल डिवीजन में करीब 9600 के करीब कर्मचारी इस प्रक्रिया में अपने मतदान का उपयोग करेंगे। इन चुनावों को लेकर अभी से कर्मचारियों में उत्साह देखने को मिल रहा है। रेलवे की यह यूनियन 1924 से रेलवे के कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए संघर्षरत है। हमारी यूनियन साथियों की मूलभूत समस्याओं से लेकर उनके व्यक्तिगत परेशानियों को भी दूर करने का प्रयास करती है। हम लोग कर्मचारियों की 10 में से सात समस्याओं को हल कर ही लेते हैं। इनमें कर्मचारियों की सबसे अधिक समस्या पॉलिसी और हेल्थ इश्यू को लेकर रहती है। आज भी लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर के साथ-साथ ट्रैकमैन के लिए कलेंडर में छुट्टियों का प्रावधान नहीं है। आज भी अंग्रेजों के नियमानुसार 12 12 घंटे जबरन ड्यूटी कराई जा रही है। जबकि नियमानुसार कर्मचारियों से 8 घंटे ही काम लिया जाना चाहिए। 

रेलवे बोर्ड के फैसले का स्वागत
एनसीआरएमयू के अध्यक्ष विजय सिंह ने उत्तर प्रदेश टाइम्स से कहा कि रेलवे बोर्ड द्वारा 11 साल बाद यूनियन की मान्यता के चुनाव को लेकर निर्णय लिया गया है। यह स्वागत योग्य है। एनसीआरयू ने रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार एससीआरएमयू ही एकमात्र ऐसी यूनियन होगी, जिसे रेलवे बोर्ड मान्यता देगा। 

क्या कहती हैं पीआरओ
इस बाबत आगरा रेल डिवीजन की जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश टाइम्स को बताया कि रेलवे बोर्ड ने बीते दिनों यूनियन की मान्यता के चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। यूनियन के चुनावों को लेकर एक से 25 अक्टूबर तक नामांकन जमा किए जाएंगे। चार और पांच दिसंबर को यूनियन की मान्यता के लिए मतदान होगा और के परिणाम 12 दिसंबर तक घोषित किए जाएंगे। आगरा रेल डिवीजन की पीआरओ ने बताया कि इन चुनावों में रेलवे के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वोटिंग के पात्र होते हैं।   

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