देश में आवागमन के लिए सबसे भरोसेमंद भारतीय रेलवे को माना जाता है। रेलवे इस पर खरा भी उतरती है। पिछले कुछ वर्षों में हादसे अवश्य हुए हैं, लेकिन रेलवे ने उससे उबरने का लगातार प्रयास किया है। नई दिल्ली-झांसी देश के सबसे व्यस्ततम रूटों...
Agra News : कैटल रन ओवर की घटनाओं में अप्रत्याशित कमी, कवच ऐसे हादसों को रोकने में कामयाब
Dec 28, 2024 11:30
Dec 28, 2024 11:30
- वर्ष 2021-22 में 1555, वर्ष 2022-23 में 1206 और वर्ष 23-24 में 749 कैटल रन ओवर की घटनाएं हुईं।
- आगरा फोर्ट और बांदीकुई के मध्य 2023-24 में सबसे अधिक 194 कैटल रन ओवर की घटनाएं हुईं।
आगरा रेल डिवीजन ने निकाला समाधान
आगरा रेल डिविजन रेलवे का अहम एवं महत्वपूर्ण डिवीजन में से एक है। वैश्विक पर्यटन नगरी होने के चलते इसकी महत्ता और अधिक हो जाती है। यही कारण है कि रेलवे आगरा रेल मंडल पर विशेष ध्यान दे रहा है और यहां पर तमाम विकास परियोजना चलाई जा रही हैं। रेलवे विकास योजनाओं के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दे रहा है। आगरा रेल मंडल में पहले कैटल रन की घटनाएं बहुत अधिक होती थीं, जिसके चलते ट्रेनें घंटों खड़ी रहती थीं। जब कोई भी जानवर रेलवे के इंजन में फंस जाता था तो फंसे हुए जानवर को इंजन से निकलने में समय लगता था। जिसके चलते पीछे चलने वाली सभी ट्रेनों को भी प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। लेकिन, आगरा रेल डिवीजन ने इसका समाधान निकाल लिया है।
ट्रैक के दोनों साइड में दीवार
आगरा रेल मंडल द्वारा अपने क्षेत्र में ट्रैक के दोनों साइड में दीवार बनाई जा रही है, जिससे कोई भी जानवर रेलवे ट्रैक के समीप भटक कर ट्रेन के सामने न आ सके। पलवल से आगरा सेक्शन के दोनों साइड वाल एवं WDM बनाई गई है। वहीं, धौलपुर और मनिया के मध्य इस काम की शुरुआत कर दी गई है। अभी जल्दी ट्रैक के दोनों साइड में दीवार खड़ी कर दी जाएगी, जिससे जानवर प्रवेश नहीं कर सकेंगे और दुर्घटना नहीं होंगी।
कैटल रन ओवर से हादसों का खतरा
उत्तर मध्य रेलवे आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश टाइम्स को बताया कि आगरा रेल मंडल कैटल रन ओवर वाला क्षेत्र रहा है, जिसके चलते रेलवे को खासी परेशानी का भी सामना करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि कैटल रन ओवर से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है। कैटल रन ओवर के चलते यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ ट्रेनों पर भी बड़ा खतरा रहता है। पिछले तीन वर्षों में लगातार कैटल रन ओवर की घटनाओं में कमी आई है। वर्ष 2021-22 में 1555 घटनाएं, 2022-23 में 1206 और 2023-24 में 749 घटनाएं हुई हैं। यह कमी दर्शाता है कि आगरा रेल मंडल कैटल रन की घटनाओं को रोकने में कामयाब रहा है।
यात्रियों को भी परेशानी होती है
एक सवाल के जवाब में पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि निश्चित तौर पर कैटल रन ओवर की घटनाओं से रेलवे को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। ट्रेनों के परिचालन में दिक्कतें आती हैं। ट्रेनें बेवजह लेट हो जाती हैं, जिससे यात्रियों को भी परेशानी होती है। रेलवे द्वारा आगरा मंडल में कैटल रन ओवर की घटनाओं को रोकने के लिए पहले चरण में ट्रैक के दोनों साइड में बाउंड्री वॉल बनाई जा रही है। ट्रैक के दोनों साइड वॉल बनाने से दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है। कवच सुरक्षा डिवाइस भी भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने का काम करेगी।
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