आगरा का गौरव : यश ने दिव्यांगता को बनाया हथियार, कैनोइंन में झटके स्वर्ण समेत चार पदक...

यश ने दिव्यांगता को बनाया हथियार, कैनोइंन में झटके स्वर्ण समेत चार पदक...
UPT | उत्तर प्रदेश टाइम्स से बात करते अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी यश कुमार।

Jun 18, 2024 17:13

भारत के खिलाड़ी एशियाई चैंपियनशिप/ एशियन गेम्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप में ही नहीं, बल्कि ओलंपिक में भी भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं। आज हम एक ऐसे शख्स की कहानी बयां कर रहे हैं, जिसने अपनी दिव्यांगता...

Jun 18, 2024 17:13

Agra News : भारत के खिलाड़ी एशियाई चैंपियनशिप/ एशियन गेम्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप में ही नहीं, बल्कि ओलंपिक में भी भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं। आज हम एक ऐसे शख्स की कहानी बयां कर रहे हैं, जिसने अपनी दिव्यांगता को पराजित करते हुए उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश को गौरवान्वित करने का काम किया है। हम बात कर रहे हैं आगरा के सौ फुटा रोड दयालबाग़ के रहने वाले कैनोइंग के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी यश कुमार की, जिन्होंने पेरिस में होने वाले पैरालंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया है। वह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।


पांच साल पहले शुरू की ट्रेनिंग
उत्तर प्रदेश टाइम्स से विशेष बातचीत यश कुमार ने बताया कि भारत में खेलों में बहुत गुंजाइश है। अगर प्रदेश और देश खिलाड़ियों को सरकारी सहयोग मिले तो वैश्विक पटल पर भारत का प्रतिनिधित्व और अधिक बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि देश में सिर्फ भोपाल ऐसा केंद्र है, जहां पर कैनोइंग की ट्रेनिंग दी जाती है। उन्होंने केंद्र सरकार के साथ साथ प्रदेश सरकार से अपील की कि कैनोइंग के अन्य शहरों में भी केंद्र खोले जाएं। जिससे उनके जैसे और खिलाड़ी अपनी दिव्यांगता को पछाड़कर प्रदेश ही नहीं, अपने देश का गौरव बढ़ा सकें। यश ने बताया कि उन्होंने साल 2019 से केनोइंग खेल के प्रशिक्षण लेने की शुरुआत की थी। वह तो वेट लिफ्टिंग में अपना भविष्य बनाना चाहते थे, लेकिन उनके प्रशिक्षकों ने वेट लिफ्टिंग में भविष्य बनाने के लिए मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने केनोइंन में अपना भविष्य देखा और भोपाल की तरफ कदम बढ़ाया। 

इन देशों में जीत चुके हैं मेडल
यश ने बताया कि वह अभी तक एशियाई चैंपियनशिप में प्रतिभाग कर चुके हैं। एशियाई प्रतियोगिता में उन्होंने भारत के लिए चार पदक झटके हैं। उन्होंने थाईलैंड में कांस्य, उजबेकिस्तान में कांस्य और जापान में गोल्ड और सिल्वर प्राप्त किए हैं। इसके साथ ही 03 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप खेली है, लेकिन वह देश को पदक नहीं दिला पाए। उन्होंने दो बार हंगरी में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप और एक बार जर्मनी में प्रतिभाग किया है। उन्होंने बताया कि पेरिस में आयोजित किए जा रहे ओलंपिक खेलों में भी उन्होंने कोटा हासिल किया है। उनका पूरा प्रयास होगा कि वह पैरालंपिक में भारत के लिए पदक अर्जित करें। बीते साल चीन के हुंजाऊ में आयोजित एशियाई खेलों में वह चौथे स्थान पर रहे। उन्होंने एशियाई खेलों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री लगातार हम जैसे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। यही कारण है कि दिव्यांग खिलाड़ी भी वैश्विक पटल पर भारत के लिए पदक झटक रहे हैं। 

यूपी में खोले जाएं ट्रेनिंग सेंटर
उन्होंने ओलंपिक खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद जताई है। बातचीत के दौरान उन्होंने अपना दर्द भी बयां किया और कहा कि कैनोइंग में भोपाल ही एक ऐसा शहर है, जहां पर एकमात्र प्रशिक्षण केंद्र है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि उत्तर प्रदेश में कम से कम एक केंद्र कैनोइंग के लिए आवश्यक खोलें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है कि भोपाल के साथ-साथ देश के अन्य शहरों में भी कैनोइंन प्रशिक्षण के लिए केंद्र खोलने चाहिए।

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