अलीगढ़ की ऊपरकोट जामा मस्जिद पर शिव मंदिर होने का दावा : कोर्ट में याचिका दाखिल, 15 फरवरी को होगी सुनवाई

कोर्ट में याचिका दाखिल, 15 फरवरी को होगी सुनवाई
UPT | आरटीआई एक्टिविस्ट केशव देव ने सिविल कोर्ट में दायर की याचिका

Jan 07, 2025 02:16

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में ऐतिहासिक ऊपरकोट जामा मस्जिद को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने यहां मंदिर होने का दावा करते हुए कोर्ट में याचिका डाली है।

Jan 07, 2025 02:16

Short Highlights
  • अन्य जिलों में भी चल रहे हैं ऐसे मामले।
  • 15 फरवरी को है अगली सुनवाई।
Aligarh news : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में ऐतिहासिक ऊपरकोट जामा मस्जिद को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक संगठन भ्रष्टाचार विरोधी सेना के नेता पंडित केशव देव गौतम ने दावा किया है कि यह मस्जिद एक प्राचीन शिव मंदिर के स्थान पर बनाई गई है। उन्होंने सिविल जज कोर्ट में मस्जिद को हटाकर मंदिर की पुनर्स्थापना के लिए याचिका दायर की है। कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख 15 फरवरी 2025 तय की है ।



क्या है विवाद का आधार 
पंडित केशव देव गौतम का कहना है कि ऊपरकोट इलाके में पहले हिंदू राजाओं का एक किला हुआ करता था, जो सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था। उन्होंने दावा किया कि इस स्थान पर पूर्व में एक शिव मंदिर था, जिसे बाद में कथित तौर पर कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर जामा मस्जिद में बदल दिया गया। केसव देव गौतम ने पुरातत्व विभाग और नगर निगम से आरटीआई के माध्यम से कई जानकारियां प्राप्त कीं। पुरातत्व विभाग के अनुसार, इस स्थान पर पहले एक बौद्ध स्तूप   या शिव मंदिर मौजूद होने का उल्लेख है । वहीं, नगर निगम के जवाब में कहा गया है कि जामा मस्जिद सार्वजनिक भूमि पर बनी है और इसके निर्माण के संबंध में कोई प्रामाणिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

कोर्ट में क्या है याचिका की मांग 
सिविल जज कोर्ट में दाखिल याचिका में पंडित केशव देव ने मस्जिद को खाली कराकर उसके स्थान पर मंदिर की पुनर्स्थापना की मांग की है। याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐतिहासिक और पुरातात्विक साक्ष्य इस स्थान को एक प्राचीन हिंदू मंदिर के रूप में स्थापित करते हैं। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए इस मामले की सुनवाई 15 फरवरी 2025 को तय की है ।

अन्य जिलों में भी चल रहे हैं ऐसे मामले
अलीगढ़ का यह मामला उत्तर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद विवादों की बढ़ती सूची में नया जुड़ाव है। इससे पहले संभल में जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर के अवशेषों पर बनाया गया बताया गया था। बदायूं और बागपत में भी प्राचीन मस्जिदों की जगह मंदिर होने के दावे किए गए हैं। संभल के चंदौसी कोर्ट के आदेश पर वहां एक सर्वे भी कराया गया था।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश
इन विवादों के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में निचली अदालतों को मंदिर-मस्जिद विवादों में सर्वेक्षण आदेश पारित करने से रोका है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पूजा स्थल अधिनियम, 1991 पर पहले याचिकाओं का निपटारा किया जाएगा। यह अधिनियम पूजा स्थलों की स्थिति को 15 अगस्त 1947 के आधार पर बनाए रखने का प्रावधान करता है।

15 फरवरी को है अगली सुनवाई
अलीगढ़ के ऊपरकोट जामा मस्जिद का यह मामला न केवल शहर बल्कि राज्य और देश भर में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। यदि कोर्ट इस मामले में याचिकाकर्ता के पक्ष में कोई आदेश देती है, तो यह अन्य विवादित स्थानों पर भी ऐसे दावों को बल दे सकता है।  इस मुद्दे पर कोर्ट के फैसले का इंतजार है, जो यह तय करेगा कि इस मामले में आगे क्या दिशा अपनाई जाएगी। 15 फरवरी 2025 को होने वाली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं ।

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