स्कूल में जमीन के नीचे से निकलने लगे कीमती सिक्के : हाथरस में जेसीबी से खोदा तो सब रह गए हैरान, मुट्ठी में लेकर भागने लगे बच्चे

हाथरस में जेसीबी से खोदा तो सब रह गए हैरान, मुट्ठी में लेकर भागने लगे बच्चे
UPT | जमीन के नीचे से निकले सिक्के।

Jul 19, 2024 01:11

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक रोचक घटना सामने आई है। हाथरस जिले के सादाबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय कजरौठी में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान कुछ प्राचीन सिक्के मिलने की खबर...

Jul 19, 2024 01:11

Hathras News : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक रोचक घटना सामने आई है। हाथरस जिले के सादाबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय कजरौठी में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान कुछ प्राचीन सिक्के मिलने की खबर ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है। यह विद्यालय हाल ही में प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) योजना के तहत चुना गया था, इसके आलावा  जनपद के पांच और विद्यालयों का चयन पीएम श्री योजना के तहत किया गया। मंगलवार को विद्यालय परिसर में खुदाई का कार्य चल रहा था। जेसीबी मशीन द्वारा की जा रही खुदाई के दौरान कुछ बच्चों को मिट्टी में दबे हुए सिक्के मिले। बच्चों ने इन सिक्कों को अपने घर ले जाना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने दावा किया कि ये सोने के सिक्के हैं, जबकि अन्य ने इन्हें मुगल काल का बताया।

मामले पर स्थानीय प्रशासन सतर्क 
अब विभागीय अधिकारी इन सिक्कों को एकत्र करके उनकी जांच कराने की योजना बना रहे हैं। यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि ये सिक्के किस काल के हैं और इनका ऐतिहासिक महत्व क्या है। इस मामले कि जांच की जाएगी। 

सिक्कों की जांच कराई जाएगी
विद्यालय के प्रधानाध्यापक विशन स्वरूप ने बताया कि विद्यालय परिसर में चल रहे खुदाई कार्य के दौरान यह घटना हुई। उन्होंने कहा कि जब बच्चे कल विद्यालय आएंगे, तो हम उनसे सिक्के वापस लेंगे और उनकी उचित जांच कराएंगे। स्थानीय प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) सादाबाद, आलोक प्रताप श्रीवास्तव ने कहा कि हम इन सिक्कों की गहन जांच कराएंगे। यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि ये सिक्के किस काल के हैं और इनका क्या महत्व है।

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विद्यालय का इतिहास काफी पुराना है
इस विद्यालय का इतिहास काफी पुराना है। कजरौठी विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश चंद्र गौतम ने बताया कि यह विद्यालय 1957 से भी पहले स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा कि मैंने इस विद्यालय में 19 वर्षों तक शिक्षक के रूप में कार्य किया है। यह हाथरस जिले का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विद्यालय है।
विद्यालय एक टीले पर स्थित है, जबकि गांव नीचे बसा हुआ है। इस विशेष स्थान ने कई लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यहां कभी कोई प्राचीन बस्ती या महत्वपूर्ण स्थल रहा होगा।

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आधुनिक सुविधाओं के लिए चुना गया था विद्यालय
पीएम श्री योजना के तहत इस विद्यालय का चयन विद्यालय को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए किया गया है। इसमें एक अच्छा पुस्तकालय, खेल का मैदान, किचन गार्डन और अन्य आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी।

मामले पर प्रधान का कहना 
गांव के प्रधान महाराज सिंह ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमें सूचना मिली थी कि कुछ बच्चों के पास सिक्के हैं, लेकिन अभी तक किसी ने भी उन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं दिखाया है। हमने बुधवार को फिर से उसी स्थान पर खुदाई करवाई, लेकिन कुछ नहीं मिला।

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घटना पर ग्रमीणों कि अलग-अलग राय
इस घटना ने स्थानीय लोगों में भी उत्सुकता जगा दी है। एक ग्रामीण राजू गोला ने कहा कि जो सिक्के मिले हैं, वे देखने में मुगल काल के लगते हैं। गांव में इस बारे में तरह-तरह की चर्चा हो रही हैं। एक अन्य ग्रामीण श्रीप्रसाद ने बताया कि कुछ लोगों का कहना है कि ये तांबे के सिक्के हैं।

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