हाथरस जिले में सत्संग के बाद भगदड़ मच गई थी। इस मामले के 11 आरोपियों की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई।
हाथरस सत्संग भगदड़ मामला : 11 आरोपियों की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई
Aug 12, 2024 18:21
Aug 12, 2024 18:21
अज्ञात युवकों पर भीड़ पर जहरीला स्प्रे छिड़कने और पानी की बोतलें फेंकने का आरोप
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता एपी सिंह भी हाथरस न्यायालय में उपस्थित रहे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में इस घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि सत्संग के दौरान कुछ अज्ञात युवकों ने भीड़ पर जहरीला स्प्रे छिड़ककर और पानी की बोतलें फेंककर भगदड़ मचाई। एपी सिंह ने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे कुछ शरारती तत्वों का हाथ हो सकता है,जो इस धार्मिक आयोजन को बाधित करना चाहते थे। एपी सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मुख्य आरोपी उपेंद्र यादव घटना के समय मौके पर मौजूद ही नहीं था,वह उस दिन अपने घर शिकोहाबाद में था। उन्होंने इस संबंध में सभी आवश्यक दस्तावेज और सबूत पुलिस अधीक्षक (एसपी) हाथरस को सौंपे हैं। उनका कहना है कि जिन लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है, वे स्वयं ही घटना के पीड़ित हैं और शिकायतकर्ता भी हैं।
आरोपियों की जमानत याचिका खारिज किए जाने को आगे भी चुनौती दिया जाएगा
न्यायालय द्वारा कुछ आरोपियों की जमानत याचिका खारिज किए जाने के सवाल पर एपी सिंह ने कहा कि इसे आगे भी चुनौती दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कोई अपवादिक मामला नहीं है और सभी 11 अभियुक्त स्थानीय निवासी हैं,जो कहीं भागने वाले नहीं हैं। उन्हें जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है। एपी सिंह ने यह भी कहा कि इस घटना के पीछे किसी राजनीतिक दल के व्यक्ति या नारायण साकार हरि को बदनाम करने वाले लोग भी हो सकते हैं। उन्होंने इस घटना को प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की साजिश बताया। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार और समाजवादी पार्टी का धन्यवाद किया,जिन्होंने हादसे के पीड़ितों को आर्थिक सहायता प्रदान की है। साकार हरि की ओर से भी पीड़ितों की मदद की जा रही है।
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