12 दिसंबर को राहुल गांधी हाथरस पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिले थे। उस दिन एक्स पर पोस्ट की थी और बाद में संसद में इस मुद्दे को उठाया। मंगलवार को परिवार से हुई बातचीत का 12 मिनट का वीडियो अपलोड करते हुए कहा है कि इसका एक-एक शब्द ध्यान से सुनिए, इनकी स्थिति स्पष्ट कर रही है कि यूपी में दलितों को न्याय मिलना मुश्किल हो रहा है।
राहुल गांधी ने हाथरस कांड के पीड़ित परिवार के बातचीत का वीडियो किया जारी : बोले-यूपी में दलितों को न्याय मिलना हो रहा है मुश्किल
Dec 17, 2024 21:30
Dec 17, 2024 21:30
- सांसद राहुल गांधी ने हाथरस कांड का वीडियो पोस्ट किया
- राहुल गांधी ने लिखा- बिटिया के परिवार का दर्द महसूस करिए
- पीड़ित परिवार के लोग बोले-हम कैसे हिंदू, बेटी को जला दिया जबकि कुंवारी कन्या को जलाते नहीं है
12 दिसंबर को राहुल गांधी हाथरस पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिले थे। उस दिन एक्स पर पोस्ट की थी और बाद में संसद में इस मुद्दे को उठाया। मंगलवार को परिवार से हुई बातचीत का 12 मिनट का वीडियो अपलोड करते हुए कहा है कि इसका एक-एक शब्द ध्यान से सुनिए, इनकी स्थिति स्पष्ट कर रही है कि यूपी में दलितों को न्याय मिलना मुश्किल हो रहा है।
हाथरस रेप पीड़िता के परिवार के हताशा से भरे एक-एक शब्द को ध्यान से सुनिए और महसूस कीजिए।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 17, 2024
ये आज भी दहशत में हैं। इनकी स्थिति इस बात की पुष्टि करती है कि दलितों को न्याय मिलना बेहद मुश्किल हो गया है।
हम इस परिवार के साथ हैं - इनके घर का रिलोकेशन करेंगे और हर ज़रूरी सहायता देंगे। pic.twitter.com/VV6dc90D0p
पीड़ित परिवार ने लगाया ये आरोप
पीड़ित परिवार का आरोप है कि चार साल पहले यूपी सरकार ने उन्हें किसी और जगह घर देकर बसाने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था। यह वादे पूरे नहीं हुए हैं। वीडियो में परिवार ने पूरे घटनाक्रम की सिलसिलेवार जानकारी दी है। राहुल गांधी ने एक्स पर फिर से दोहराया है कि हम परिवार के साथ, पीड़ित परिवार के घर का रिलोकेशन करेंगे, हर जरूरी सहायता देंगे।
हम कैसे हिंदू हैं, बेटी को पेट्रोल से जला दिया गया था
वीडियो में पीड़ित परिवार के लोग कह रहे हैं कि हम कैसे हिंदू हैं, जो हमारी बेटी को रात को ढ़ाई बजे पेट्रोल डालकर जला दिया। हिंदू रीति रिवाज में कुंवारी कन्या को जलाते नहीं हैं। इन लोगों ने रात में पेट्रोल डालकर जला दिया। इंसाफ नहीं मिल रहा है। हमने अस्थियां लाकर रख ली हैं। पीड़ित परिवार ने राहुल गांधी को बताया कि निर्भया प्रकरण की पीड़िता उच्च जाति की थी, पूरे देश ने सपोर्ट किया था, कांग्रेस की सरकार थी, इसलिए इस प्रकरण में न्याय मिला था। इस समय भाजपा की सरकार है, हम छोटी जाति के हैं, हम लोग दलित हैं, इसलिए हमें न्याय नहीं मिला। हमें सिर्फ आपसे उम्मीद है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोर्ट के फैसला सुनाने से पहले आरोपियों की गाड़ियों में मिठाइयां और फूल मालाएं रखी थीं। हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी वहां मौजूद थे।
वीडियो में उसकी मां ने कहा कि मेरी बेटी तो बहुत सीधी थी, लोगों ने अफवाह उड़ाई कि लड़का तो उसे शॉपिंग कराने ले जाता था। महज घर में दूसरे कमरे तक ही जाती थी। सबमर्सेबल तक जाती थी। भाभी ने कहा कि हम लोगों को बहुत टॉर्चर किया गया है, दुनिया को दिखा दिया कि परिवार को नौकरी दे दी, घर दे दिया, मुआवजा दे दिया।
राहुल गांधी ने किए सवाल
राहुल गांधी ने कहा है कि ऐसा लग रहा है कि जैसे आपने क्राइम किया है, आपको बंद कर दिया है। मृतका के भाई ने कहा कि घर से निकलने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। 14-14 हजार रुपये की गाड़ी करनी पड़ती है। आरोपी छूट कर आ गए हैं। तीन को कोर्ट ने बरी कर दिया। राहुल ने फिर पूछा जो जेल गया, वो किस अपराध में गया। पूछ रहे हैं कि अनुसूचित जाति के कितने घर हैं, परिजनों ने बताया कि चार घर हैं, दो पलायन कर चुके हैं। अगर सरकार नौकरी देना चाहती है तो नौकरी दें, नहीं तो मना करें। फैसले पर परिवार ने राहुल को बताया कि कोई भी बात साबित कैसे होगी जब सब सबूत मिटा दिए गए। 14 की घटना थी, 22 को मेडिकल कराया गया।
वीडियो कही गईं ये बातें
वीडियो में दिखाया गया है कि 14 सितंबर 2020 को चार लोगों ने 19 साल की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। दो हफ्ते बाद 28 सितंबर को दिल्ली में इलाज के बाद पीड़िता ने दम तोड़ दिया। उसी रात 2:30 बजे युवती के परिवार की बगैर सहमति के यूपी पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। 4 साल बाद भी पीड़िता के परिवार को न्याय नहीं मिला है। पीड़िता की मां ने कहा कि अगर मेरी बेटी के साथ ये सब न हुआ होता तो मैं बेटी का विवाह कर देती। हम लोगों को बहुत सताया गया है। उन्होंने दुनिया को दिखाया कि हमारे परिवार को उन्होंने नौकरी दी है, घर दिया है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ ही नहीं है। अगर उन्होंने कुछ दिया होता तो पिछले चार साल से हम जेल जैसा जीवन नहीं बिता रहे होते।
दलित को न्याय की उम्मीद नहीं
मृतका के परिजनों ने कहा कि एक आरोपी जेल में है। 3 छूट कर बाहर आ गए हैं। मामले में बहन का बयान हटा दिया गया है। कोर्ट का ऑर्डर है कि परिवार को घर और नौकरी दिया जाए। लेकिन वो भी नहीं मिला है। गांव में एससी जाति के 4 घर हैं। दो घर के लोग डर की वजह से यहां से चले गए हैं। सीबीआई ने चार्जशीट में 4 को दोषी माना है। दलित के लिए न्याय की कोई उम्मीद नहीं है।
बेटी की मां का दर्द
पीड़िता की मां ने बताया कि ये सब नहीं होता तो बेटी की शादी कर देती। मेरी बेटी बहुत सीधी थी। इन लोगों ने अफवाह उड़ाई... वो लड़कों से बात करती थी। वो शॉपिंग के लिए ले जाता था। जिसे किसी से कोई मतलब नहीं रहता था। उसे इतना पता नहीं था कि फोन पर इंग्लिश में नंबर आ गया तो पूछने आती थी, भाभी जी ये देखिए किसका नंबर है। उस इंसान के लिए कैसे आरोप लगा सकते हैं। हम लोगों को बहुत टॉर्चर किया गया। हम लोगों को दिखा दिया गया है कि घर दिया गया है,नौकरी दी गई है। ऐसा कुछ नहीं हुआ है। हम लोग चार साल से जेल जैसी जिंदगी जी रहे हैं। हम लोगों को बंद कर दिया गया है। सामान लेने के लिए लेटर लिखना पड़ता है। आरोपी छूटकर आ गए हैं। बेटी का दर्द उठाने की हमें सजा मिली है।
क्या था पूरा मामला
14 सितंबर 2020 को यह घटना हुई थी। दलित बिटिया खेत में गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिली थी। बाद में पीड़िता के बयान और परिवार की तहरीर पर चार लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था। 29 सितंबर 2020 उसकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके सियामी मुद्दा बनने के बाद यूपी सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। न्यायालय ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया है और एक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में बिटिया के परिवार ने गत दो जुलाई को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राहुल गांधी और बिजनौर से आसपा सांसद चंद्रशेखर सहित छह को पत्र लिखा था। माना जा रहा है कि इस पत्र का संज्ञान लेकर राहुल गांधी हाथरस पहुंचे।
राहुल गांधी ने संसद में उठाया मुद्दा
12 दिसंबर को सांसद राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर मामले को फिर से गर्मा दिया था। उसी दिन एक्स पर टिप्पणी कर सरकार को घेरा था और 14 दिसंबर को लोकसभा में इस मामले को उठाया था। लोकसभा में दिए भाषण को उन्होंने टिप्पणी के साथ एक्स पर भी पोस्ट किया था। उन्होंने कहा कि यूपी में संविधान नहीं मनु स्मृति लागू हो रही है। परिवार ने मुझसे कहा कि यूपी सरकार ने हमसे वादा किया था कि हम आपको रहने को किसी और जगह जमीन देंगे। चार साल हो गए हैं, यह वादा पूरा नहीं किया। यदि यूपी सरकार परिवार को नई जगह नहीं बसाएगी तो इंडिया गठबंधन यह कार्य करेगा।
संसद में राहुल गांधी ने कहा था कि हाथरस में 4 साल पहले एक बिटिया के साथ दुष्कर्म होता है। तीन-चार लोग दष्कर्म करते हैं। मैं दो-तीन दिन पहले उस बिटिया के परिवार से मिला। जिन्होंने सामूहिक दुष्कर्म किया, वह बाहर घूम रहे हैं। बिटिया का परिवार अपने घर में बंद है। जो अपराधी हैं, वह उनको रोज धमकाते हैं। परिवार ने मुझे फोटो दिखाई। परिवार ने मुझे बताया कि बिटिया का अंतिम संस्कार भी हमें नहीं करने दिया गया। मुख्यमंत्री ने इसके बारे में मीडिया में खुलकर झूठ बोला था। राहुल गांधी ने प्रश्न करते हुए कहा कि यह संविधान में कहां लिखा है कि जो दुष्कर्म करते हैं वो बाहर रहें और जिस परिवार को पीड़ा हुई है, उसे बंद कर दिया जाए। यह बात तो मनु स्मृति में लिखी है, संविधान में नहीं लिखी।
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