दलित समाज के वर्गीकरण से जुड़े फैसले का विरोध : आजाद समाज पार्टी और बसपा का प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली

आजाद समाज पार्टी और बसपा का प्रदर्शन,  कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली
UPT | कासगंज में प्रदर्शन करते विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता।

Aug 21, 2024 17:01

कासगंज में आजाद समाज पार्टी, बसपा, और सपा के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से दलित समाज के वर्गीकरण से संबंधित फैसले का विरोध किया। सोरों गेट से जिला कलेक्ट्रेट तक विशाल रैली का आयोजन किया।

Aug 21, 2024 17:01

Kasganj News : जनपद कासगंज में आजाद समाज पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), और समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट द्वारा दलित समाज के वर्गीकरण से संबंधित फैसले का विरोध किया। इस विरोध के तहत, आजाद समाज पार्टी और बसपा के कार्यकर्ताओं ने सोरों गेट से जिला कलेक्ट्रेट तक एक विशाल रैली का आयोजन किया, जिसमें हजारों की संख्या में दलित समाज के लोग शामिल हुए। 

विरोध प्रदर्शन की प्रमुख घटनाएं
रैली के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दलित समाज के वर्गीकरण के फैसले को निरस्त करने की मांग की। इसके अलावा, राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी जिला कलेक्टर को सौंपा गया। यह ज्ञापन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का हिस्सा था, जिसमें यह मांग की गई कि दलित समाज के आरक्षण के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ न की जाए।

राजनीतिक दलों का समर्थन 
इस विरोध प्रदर्शन में सिर्फ आजाद समाज पार्टी और बसपा ही नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई। सपा के कार्यकर्ता और दलित समाज के संगठन कासगंज शहर के सोरों गेट पर एकत्रित हुए, जहां से रैली निकालकर जिला कलेक्ट्रेट तक पहुंचे। रैली के बाद,सपा के एटा-कासगंज सांसद देवेश शाक्य भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। सांसद देवेश शाक्य ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दलित समाज के अधिकारों को छीनने और संविधान में बदलाव कर आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास कर रही है।

आजाद समाज पार्टी का रुख
आजाद समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष विशाल कुमार ने बताया कि एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण में वर्गीकरण के लागू किए गए नियम के खिलाफ कासगंज में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी ने यह प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला वापस नहीं लेता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। पार्टी की मांग है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए और आरक्षण में दलित समाज का वर्गीकरण समाप्त होना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने प्राइवेट सेक्टर में भी दलित समाज को आरक्षण देने की मांग की। विशाल कुमार ने यह भी घोषणा की कि इस मुद्दे के विरोध में 11 सितंबर को दिल्ली में एक बड़ा आंदोलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें आजाद समाज पार्टी अपनी मांगों को मजबूती से उठाएगी। कासगंज में यह विरोध प्रदर्शन दलित समाज के अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, और इसे विभिन्न राजनीतिक दलों का समर्थन भी प्राप्त हो रहा है। 

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